हरियाणा की नूंह में 31 जुलाई को हुए साम्प्रदायिक दंगे का अब पाकिस्तान से भी कनेक्शन जुड़ने लगा है। हरियाणा पुलिस की जांच में एक पाकिस्तानी यूट्यूबर जीशान मुश्ताक का नाम सामने आया है।
नूंह. हरियाणा में 31 जुलाई को हिंदुओं एक धार्मिक जुलूस पर हुए हमले और दंगे की जांच में धीरे-धीरे कई चौंकाने वाले राज़ सामने आ रहे हैं। हरियाणा पुलिस की जांच में अब पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। जांच से पता चला है कि एक पाकिस्तानी यूट्यूबर जीशान मुश्ताक ने लाहौर में बैठकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्टें और वीडियो डालें। इस यूट्यूबर ने अहसान मेवाती पाकिस्तानी के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बना रखा है।
नूंह दंगा-पाकिस्तानी यूट्यूबर ने मुसलमानों को दंगे के लिए उकसाया
हरियाणा पुलिस की जांच में सामने आया है कि जीशान मुश्ताक नामक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने अपनी लोकेशन राजस्थान के अलवर बताई, जबकि वो पाकिस्तान में बैठकर मुसलमानों को भड़का रहा था। यही नहीं, जब नूंह में हिंसा चल रही थी, मुश्ताक उसके वीडियो भी अपलोड करके आग में घी डाल रहा था। उसने मुसलानों को मोनू मानेसर को मारने और हिंसा के लिए मुसलमानों को उकसाया।
हरियाणा पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस पाकिस्तानी यूट्यूबर ने जिस IP एड्रेस से भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे, वो पाकिस्तान एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क(PERN) का है। जांच से पता चला कि इस सेंट्रलाइज्ड नेटवर्क से पाकिस्तान के एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को इंटरनेट मुहैया कराया जाता है। ये पाकिस्तानी सरकार का पार्ट है।
पाकिस्तान के पंजाब से अपलोड किया गया था नूंह हिंसा भड़काने वाला वीडियो
हरियाणा पुलिस की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तानी यूट्यूबर जीशान मुश्ताक 27 जुलाई को पाकिस्तानी पंजाब में सरगोधा के गांव कोट मुमीन गया था। यहीं बैठकर उसने नूंह में हिंसा भड़काने के लिए वीडियो अपलोड किए थे। नूंह हिंसा के अगले दिन यानी 1 अगस्त को वह लाहौर पहुंचा, वहां से भी उसने वीडियो अपलोड किए। यह जगह पाकिस्तानी पंजाब के CM सेक्रेट्रिएट से कुछ किमी की दूरी पर बिस्मिल्लाह मोंटेसरी स्कूल के क्रिकेट ग्राउंड के पास है।
नूंह हिंसा के बाद अवैध कब्जों पर चल रहा बुलडोजर
नूंह हिंसा के बाद हरियाणा सरकार कड़े एक्शन में है। 4 अगस्त को नूंह में रोहिंग्या मुसलमानों की बस्ती पर बुलडोजर चलाने के बाद 5 अगस्त को नूंह के नलहड़ रोड पर अवैध रूप से बने 30 मकान-दुकान गिरा दी गईं। यहां के कई लोग हिंसा में शामिल थे। जानकारी के मुताबिक, अलग-अलग इलाकों में 50 से 60 अवैध निर्माण तोड़े जा चुके हैं। वहीं, गिरफ्तारी के डर से कई लोग फरार हैं। जिला प्रशासन ने उन सभी अवैध कब्जों को हटाना शुरू कर दिया है, जिन्हें बहुत पहले हटाया जाना था। हालांकि स्थानीय विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने कार्रवाई का विरोध किया है।
यह भी पढ़ें
नूंह हिंसा के पीछे क्या कोई बड़ा गेम प्लान था?
कौन हैं रोहिंग्या मुसलमान, जिन पर लगा है नूंह दंगे भड़काने का इल्जाम?