नूंह में 31 जुलाई को हुए दंगे में रोहिंग्या मुसलमानों की भूमिका सामने आने के बाद 4 जुलाई को प्रशासन की उनके 200 झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चला दिया
पुलिस ने नूंह दंगे में संदिग्ध भूमिका के बाद कई रोहिंग्या युवकों के खिलाफ FIR दर्ज की है
रोहिंग्या मुसलमान मूलत: म्यांमार (बर्मा) के रखाइन प्रांत के रहने वाले हैं, हालांकि, वहां कि सरकार ने उन्हें कभी अपना नागरिक नहीं समझा, म्यांमार इन्हें बांग्लादेशी प्रवासी मानता है
2012 में म्यामांर के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद लाखों रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश के रास्ते भारत में आकर बस गए, इन पर म्यांमार में उपद्रव का आरोप है
1982 में म्यांमार सरकार ने एक कानून बनाया, इस कानून से रोहिंग्याओं का नागरिक दर्जा खत्म कर दिया गया
2017 में म्यामांर में कुछ रोहिंग्याओं ने रखाइन में पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें 12 पुलिसवाले मारे गए, इसके बाद वहां की सेना ने रोहिंग्याओं को रखाइन से मारकर भगा दिया
भारत में हरियाणा के नूंह के रोहिंग्या दिल्ली से सटे मदनपुर खादर, जम्मू, जयपुर, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बस हैं