हरियाणा सरकार ने एक फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों के घर प्रभावित होने वाले हैं। यहां हम बात कर रहे हैं प्रीपेड मीटर की। इस मीटर को इस्तेमाल करने के लिए उपभोक्ता को पहले से ही रिचार्ज करवाना पड़ेगा। बैलेंस खत्म होने पर बिजली को काट दिया जाएगा। वैसे हरियाणा से पहले इस योजना का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में किया जा चुका है। प्रीपेड मीटर का गरीब लोगों ने यूपी में जबरदस्त तरीके से विरोध भी किया था। आइए जानते हैं लोगों प्रीपेड लगवाने के बाद लोगों को किस तरह की परेशानी का करना पड़ा था सामना?
- उत्तर प्रदेश में लोगों ने स्मार्ट मीटर की खामियों से तंग आकर अपने बिजली के कनेक्शन को हटा दिया था।
- इतना ही नहीं जिन दो कंपनियों को मीटर लगाने का ठेका दिया गया था वो जमकर घोटाला कर रही थी, जिसके चलते उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया था।
- आरटीसी का दो घंटे में ट्रिप करना, पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना, रिसीवर का गलत फैक्टर बताना जैसी बड़ी खामियां लोगों को झेलनी पड़ रही थी।
- प्रीपेड मीटर रिचार्ज करवाने के बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही थी, जिसके चलते उनका काफी नुकसान हो रहा था।
- बिजली का बिल जरूरत से ज्यादा आ रहा था। यहां तक की माइनस में भी बिल चला जाता था, जिसके चलते उन्हें काफी भुगतान करना पड़ता था।
- लोगों ने तो स्मार्ट मीटर हटाए जाने को लेकर भी जमकर हंगामा किया था। ये मामला राजनीतिक मोड़ भी लेता हुआ दिखाई दिया था।
हरियाणा में पहले सरकारी कर्मचारियों के घर लगेगा मीटर
हरियाणा में प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सबसे पहले इसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के घर होगा। दूसरे फेज में आम आदमियों के घरों में ये उपयोगा होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में इस वक्त करीब पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी मौजूद है। वहीं, 70 लाख 46 हजार उपभोक्ता बिजली का इस्तेमाल करते हैं।