
नई दिल्ली। हरियाणा में कई ऐसे गांव और जगह मौजूद हैं, जिससे जुड़े किस्से दूर-दूर तक चर्चा में बने रहते हैं। इसी संदर्भ में एक गांव लोगों के बीच इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है, जहां पर लोग अपने ही परिजनों के शव को अपने घर के परिसर में ही दफनाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यहां हम बात कर रहे हैं हरियाणा के चरखी दादरि जेल में गुडाना गांव की। यहां पर 50 के करीब मुस्लिम परिवार रहते हैं। गांव की सबसे बड़ी परेशानी है यहां पर क्रबिस्तान का नहीं होना। लोग इसके चलते अपने घरों में ही शवों को दफनाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गांव के लोगों ने इस परेशानी के बारे में अधिकारियों और मंत्रियों को भी बताया लेकिन किसी भी तरह का कोई हल नहीं निकला। गांव के लोगों को सिर्फ आश्वासन देकर बात को टाल दिया जाता है।
किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होने पर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी बात सामने आ रही है कि मुस्लिम समाज के लोग यदि अब उनके परिवार में किसी की मौत होती है तो उसके शव को लकेर अधिकारियों के दरवाजों पर प्रदर्शन करेंगे। घर में शवों को दफनान लोगों के लिए सबसे बड़ी मानसिक परेशानी के तौर पर उभर रहा है। गांव के सरपंच ने बताया कि रविंद्र कुमार गांव में जमीन की चकबंदी नहीं हुई है। ये मामला पिछले चार साल से हाईकोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है। अब इस केस में अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होने वाली है।
उन्होंने ये भी बताया कि कब्रिस्तान के लिए ही नहीं बल्कि श्मशान के लिए भी जमीन नहीं बांटी गई है। मुस्लिम समुदायों को ही नहीं बल्कि दूसरे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते प्रशासनिक व्यवस्था और कानूनी की कमजोरी साफ नजर आ रही है।
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