
इस हफ्ते हरियाणा में एक ऐसा रिकॉर्ड बना, जिसने सबको हैरान कर दिया। एक वीआईपी कार नंबर HR88B8888 ऑनलाइन नीलामी में 1.17 करोड़ रुपये में बिका। यह अब तक भारत का सबसे महंगा कार रजिस्ट्रेशन नंबर बन गया है।
हरियाणा सरकार हर हफ्ते फैंसी नंबर प्लेट्स की ऑनलाइन नीलामी करती है। इच्छुक लोग शुक्रवार शाम 5 बजे से सोमवार सुबह 9 बजे तक अपना पसंदीदा नंबर चुनकर अप्लाई करते हैं। इसके बाद, बुधवार शाम 5 बजे तक बोली चलती है। इस बार, HR88B8888 नंबर नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इस नंबर के लिए कुल 45 लोगों ने अप्लाई किया था। बेस प्राइस सिर्फ 50,000 रुपये था, लेकिन बोली शुरू होते ही कीमत करोड़ों में पहुंच गई। बुधवार शाम 5 बजे नीलामी 1.17 करोड़ रुपये पर खत्म हुई। वहीं, दोपहर 12 बजे तक ही बोली 88 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।
HR88B8888 एक खास गाड़ी का नंबर है, जिसे नीलामी में ऊंची कीमत पर खरीदा गया। इसे वीआईपी या फैंसी नंबर भी कहते हैं। इसके हर हिस्से का अलग मतलब है। HR का मतलब है कि गाड़ी हरियाणा में रजिस्टर्ड है। 88 उस जिले का कोड है जहां गाड़ी रजिस्टर्ड है। B उस आरटीओ की मौजूदा व्हीकल सीरीज है। और 8888 यह चार अंकों का यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर है, जो वीआईपी नंबरों में सबसे पसंदीदा पैटर्न में से एक है। इससे पूरा नंबर लगातार आठ जैसा लगता है, जिससे इसकी प्रीमियम वैल्यू और बढ़ जाती है। यही वजह है कि इतने सारे लोग इसे खरीदना चाहते थे। वैसे, पिछले हफ्ते भी हरियाणा में फैंसी नंबरों के लिए बड़ी बोली लगी थी। HR22W2222 नंबर करीब 37.91 लाख रुपये में बिका था, जो काफी चर्चा में रहा।
अब सवाल यह उठता है कि इतनी महंगी नंबर प्लेट खरीदने वाले को कितना टैक्स देना होगा? फिलहाल, देश के अलग-अलग राज्य फैंसी नंबर प्लेट्स पर अलग-अलग टैक्स लगाते हैं। कुछ सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस लेते हैं, तो कुछ 18% जीएसटी लगाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार अब इन्हें सीधे लग्जरी कैटेगरी में शामिल करने की तैयारी कर रही है। प्रस्ताव के अनुसार, फैंसी नंबर प्लेट्स पर 28% जीएसटी लगाया जा सकता है। इसका मतलब है कि करोड़ों में बिकने वाली नंबर प्लेट्स पर उतना ही भारी टैक्स भी लगेगा।
अगर यह सरकारी प्रस्ताव लागू होता है, तो 1.17 करोड़ पर सीधे 28% जीएसटी लगेगा। इसका मतलब है कि खरीदार को लगभग 32.76 लाख रुपये जीएसटी के तौर पर देने होंगे। सरकार इस नीलामी की रकम को लग्जरी खर्च मानकर इस पर पूरा जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है।
फिलहाल कई राज्य 18% जीएसटी लगाते हैं, लेकिन टैक्स का स्ट्रक्चर हर जगह एक जैसा नहीं है। इस असमानता को खत्म करने के लिए, वित्त मंत्रालय से कहा गया है कि वे इसे आधिकारिक तौर पर 28% स्लैब में शामिल करने के लिए साफ नियम बनाएं।
सरकार ने यह भी साफ किया है कि बिना इजाजत या नीलामी के फैंसी नंबर प्लेट लगाना नियमों के खिलाफ है। ऐसा करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माना लग सकता है। यानी, सिर्फ यूनिक या स्टाइलिश दिखने के लिए बिना परमिशन के नंबर प्लेट लगाना कानून का सीधा उल्लंघन माना जाएगा।
अगर 28% जीएसटी लागू हो जाता है, तो फैंसी नंबर प्लेट्स आम लोगों की पहुंच से और दूर हो जाएंगी। करोड़ों की बोली लगाने के बाद, लाखों का टैक्स देना हर किसी के लिए आसान नहीं होगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम सरकार की लग्जरी आइटम्स को कंट्रोल करने की पॉलिसी का हिस्सा हो सकता है। कुल मिलाकर, फैंसी नंबर प्लेट्स भविष्य में और भी एक्सक्लूसिव हो जाएंगी और इन्हें खरीदना सिर्फ अमीरों का शौक बनकर रह जाएगा।
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