
पानीपत। हरियाणा के पानीपत की साइको किलर पूनम के दोनों हाथ चार-चार मासूम बच्चों के खून से सने हुए हैं, बावजूद उसके चेहरे पर किसी प्रकार की न तो कोई सिकन दिखी और न ही जुबान से पछतावे के ही कोई शब्द निकले। एक मां इतनी निर्मम हाे सकती है, यह सोचकर भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन जेल जाते वक्त भी पूनम का चेहर एकदम सपाट था। न तो उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था, न हीं किसी प्रकार की कोई गिल्टी, जो उसकी निर्दयता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
पानीपत के भावड़ गांव में पिछले दिनों पुलिस ने अपनी जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा किया था। जिसमें पूनम नाम की एक महिला को चार बच्चों के कत्ल के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। पूनम पर अपने तीन साल के बेटे शुभम, 11 साल की भांजी इशिका, 10 साल की भतीजी जिया और आखिर में बच्ची विधि को मारने का आरोप था। क्या वजह थी कि पूनम ने मासूमों को मारने का ऐसा भयानक तरीका चुना? और क्यों उसने अपने इस कदम से जेल जाने के बाद भी कोई शिकन नहीं दिखाई?
साइको किलर पूनम के कातिल बनने की कहानी बेहद रहस्यमय और भयावह है। इंस्पेक्टर फूलकुमार के अनुसार, पूनम ने बताया कि उसे बच्चों को पानी में डूबते देखना “सुकून देने वाला” लगता था। उसने साफ शब्दों में कहा कि जैसे-जैसे बच्चा तड़पता, उसे ऐसा लगता जैसे दिल का बोझ उतर रहा हो। उसने यह भी कहा कि पानी में डुबोने से 100% मौत सुनिश्चित होती है और बच्चे शोर भी नहीं मचाते।
पूनम पर संदेह तब हुआ जब सभी हादसों के समय वह मौजूद थी।
पूनम ने पुलिस से 10 मिनट तक आत्मविश्वास के साथ बात की। पर सख्ती से पूछने पर उसने जुर्म कबूल कर लिया।
इस सवाल का जवाब सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। पूनम ने बताया कि पानी में डुबाने का तरीका उसके हिसाब से सबसे “प्रभावी” और “शांत” था। यह उसका सनसनीखेज तरीका था, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया। विधि की हत्या के बाद घटनास्थल पर भी हालात दिल दहला देने वाले थे। स्टोर रूम में रखा टब आधा पानी से भरा था और उसमें विधि किे मुंह से निकला खाना पड़ा था। इंस्पेक्टर फूलकुमार ने कहा, “इसे देखकर हमारे भी आंसू आ गए। यह नजारा किसी के भी पसीने छुड़ा देगा।”
विधि को मारने से पहले पूनम ने अपनी चूड़ियां उतार दी थी। हत्या के बाद उसने अलग-अलग बहाने दिए- पहने हुए कपड़े गीले होने की वजह उसने मासिक धर्म (पीरियड) बताया, फिर कहा कि बच्चे ने उल्टी कर दी थी। लेकिन जब सख्ती से पूछा गया, तो उसने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया। वह 10 मिनट तक आत्मविश्वास के साथ सवालों का सामना करती रही। पुलिस जांच में पता चला कि बच्चों की मौतों के समय पूनम हमेशा मौजूद थी। पूनम ने बच्चों की हत्या से पहले अपनी चूड़ियां उतार दी थीं, ताकि चूड़ियां न टूटे और आवाज भी न आए। यह कदम भी इस मामले को और भयानक बनाता है।
जेल में भी पूनम का चेहरा शांत रहा। उसने खुद बताया कि बच्चों के तड़पने को देखकर उसे सुकून मिलता था। जिया के ताऊ, सुरेंद्र ने बताया कि 18 अगस्त की रात पूनम ने जिया को मारा। सुबह 4 बजे उन्होंने अपने बच्चे को मच्छर काटने की बात कहकर मां को जगाया। लेकिन जिया अपने बेड पर नहीं थी। शव बाद में हौद में मिला।
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