पुपिरी पफुआ की मृत्यु ने उनकी परपोती अरहेनो को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि उन्हें गांव की नानी माना जाता था। यहां उनके समुदाय के करीब 6,000 निवासी हैं। इन्होंने पुपुरी को कभी अस्पताल जाते नहीं देखा। परपोती अरहेनो ने कहा कि पुपिरी को कोई बड़ी बीमारी नहीं थी। जब वह गुजरी तो हर कोई हैरान रह गया। इनके पति इसी गांव से थे और 1969 में उनका निधन हुआ। इनके 19 पोते, 63 परपोते और 15 परपोते हैं।