ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम(2 जून) को एक मालगाड़ी से आमने-सामने की टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतरने की घटना में 200 से अधिक यात्रियों की मौत ने लोगों को हिलाकर रख दिया है।
बालासोर/हावड़ा. ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम(2 जून) को एक मालगाड़ी से आमने-सामने की टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतरने की घटना में 200 से अधिक यात्रियों की मौत ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। हादसे में 900 से अधिक घायल हैं। हादसे में घायल हुई एक महिला ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
कोरोमंडल ट्रेन हादसा क्यों हुआ...चश्मदीद ने बताई कहानी
कोरोमंडल ट्रेन की पैसेंजर वंदना खटेड़ हादसे को याद करते हुए कांप उठती हैं। उन्होंने बताया कि जब ये हादसा हुआ, तब वे वाशरूम से लौट रही थीं। उन्होंने देखा कि उनकी ट्रेन किसी लचर लकड़ी की तरह टेड़ी हो गई थी। यह देखकर वे कांप उठीं। जैसे-तैसे खुद को संभाला। उनका सामान यहां-वहां फैला पड़ा था। घायल यात्री एक-दूसरे पर गिरे पड़े थे। हर तरफ चीख-पुकार मची थी।
12841 कोरोमंडल ट्रेन हादसे कब और कैसे हुआ?
रेलवे ने एक बयान में बताया कि 'ट्रेन नंबर 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई सेंट्रल से शालीमार जा रही थी। ट्रेन 2 जून दोपहर 3.30 बजे शालीमार के लिए रवाना हुई थी। यह शाम 8.30 बजे ओडिशा के खड़गपुर डिविजन में आने वाले बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई।
कोरोमंडल ट्रेन हादसे से जुड़े फैक्ट, आपस में टकराईं तीन ट्रेनें
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस (Bengaluru-Howrah Express) एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इससे ट्रेन के कई डिब्बे बालेश्वर के पास पटरी से उतर गए और बगल के ट्रैक पर गिर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (Shalimar-Chennai Central Coromandel Express) से टकरा गए। इससे कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे भी पलट गए।
दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना राहत ट्रेनों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया था। राज्य सरकार ने बचाव कार्यों में सहायता के लिए ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन (ओडीआरएएफ) फोर्स को लगाया है।
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