
Bengaluru cocaine smuggling: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने एक बार फिर बेंगलुरु में अंतरराज्यीय ड्रग्स सिंडिकेट (Interstate drugs syndicate) का पर्दाफाश किया है। इस बार तस्करी का तरीका भी चौंकाने वाला था। अधिकारियों ने साबुन के डिब्बों में छिपाकर लाई गई लगभग 7 किलोग्राम कोकीन जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में कीमत 14.69 करोड़ रुपये आंकी गई है। DRI की टीम ने इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें मणिपुर की रहने वाली एक महिला लालजामलुवाई है और दूसरी मिजोरम की निवासी महिला लालथांगलियानी है। दोनों को बेंगलुरु के कॉटनपेट इलाके से पकड़ा गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कार्रवाई एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का हिस्सा थी। दोनों महिलाएं पेशेवर तस्कर हैं और इन्हें सीमावर्ती पूर्वोत्तर राज्यों से दक्षिण भारत में ड्रग्स पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी। कोकीन की खेप बेहद शातिर तरीके से साबुन के डिब्बों में सील करके छिपाई गई थी ताकि वह किसी भी स्कैनर में न पकड़ी जाए।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस घटना से कुछ ही दिन पहले DRI ने बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो 4 किलोग्राम से अधिक कोकीन (कीमत: ₹40 करोड़) के साथ पकड़ा गया था। उस केस में ड्रग्स को पत्रिका के कवर में छिपाकर भारत लाया गया था।
सिर्फ ड्रग्स ही नहीं, 3 मार्च को DRI ने दुबई से आए एक यात्री के पास 14.2 किलो सोने की छड़ें (₹12.56 करोड़ मूल्य) बरामद की थीं। ये घटनाएं इस बात का इशारा करती हैं कि बेंगलुरु, अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है, चाहे वो ड्रग्स हो या सोना।
DRI, कस्टम और एयरपोर्ट इंटेलिजेंस की टीमें अब हर संदिग्ध चाल पर नजर रखे हुए हैं। लगातार हो रही इन गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि भारत में ड्रग सिंडिकेट्स अब आम वस्तुओं—जैसे साबुन, मैगजीन, खाने-पीने की वस्तुओं—के भीतर छिपाकर ड्रग्स ला रहे हैं।