
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में भाग लिया। उन्होंने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय हमेशा देश के सम्मान, स्वाभिमान और स्वराज की रक्षा में अग्रिम पंक्ति में रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा तथा जनजातीय संस्कृति को बचाने की चेतना जगाने में बिरसा मुंडा का योगदान अद्वितीय है। उनकी 150वीं जयंती को यादगार बनाने के लिए 2025 को ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।
15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में 9700 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसके साथ ही गुजरात के जनजातीय समुदाय के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपए की जनजातीय कल्याण योजना भी शुरू की।
प्रधानमंत्री ने सतपुड़ा पर्वतमाला के देवमोगरा धाम में जनजातियों की आराध्य याहा मोगी पांडोरी माता के दर्शन किए। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ खुली जीप में जनसमूह के बीच से गुजरते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती हमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को मजबूत करने की प्रेरणा देती है। उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जनजातीय समाज विकास की मुख्यधारा से पीछे न रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक सत्ता में रहने वाले दलों ने जनजातीय समुदाय और उनके नायकों, विशेषकर बिरसा मुंडा, की उपेक्षा की। लेकिन उनकी सरकार ने जनजातियों के सम्मान, अधिकार और विकास को प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि
खतरनाक सिकल सेल बीमारी से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर का अभियान चलाया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और डिस्पेंसरी बढ़ने से 6 करोड़ से अधिक जनजातीय नागरिकों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि बिरसा मुंडा आदिजाति यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा संवर्धन केंद्र शुरू किया गया है। यहां भील, गामित, वसावा, गरासिया, संथाल, राठवा सहित अनेक जनजातियों की बोलियों का संरक्षण किया जा रहा है। जनजातीय लोककथाएं, गीत, गाथाएँ और कला का संग्रह भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दशक पहले अंबाजी से उमरगाम तक जनजातीय पट्टे में एक भी विज्ञान कॉलेज नहीं था, जबकि अब यहां कई साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में वनबंधु कल्याण योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास भी, विरासत भी’ को साकार किया है। स्वतंत्रता आंदोलन में जनजातियों का योगदान लंबे समय तक उपेक्षित रहा, लेकिन अब उन्हें सम्मान मिला है। उन्होंने बताया कि:
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में अब 12 साइंस कॉलेज, 2 विश्वविद्यालय और 11 मेडिकल कॉलेज हैं। साथ ही गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने जीनोम सीक्वेंसिंग प्रोजेक्ट जनजातीय स्वास्थ्य के लिए शुरू किया है।
राज्य में 7 से 13 नवंबर तक जनजातीय गौरव रथयात्रा आयोजित की गई। प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा के वंशजों श्री सुखराम मुंडा और श्री रवि मुंडा को शॉल और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री ने गुजरात एसटी निगम की भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय परिवहन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में जनजातीय विकास पर आधारित एक शॉर्ट वीडियो भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न विभागों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।