लालू यादव किडनी प्रत्यारोपण के चलते बेल पर रिहा किए गए हैं। ऐसे में उनका बैडमिंटन खेलते फोटो वायरल होने पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू यादव के बेल खारिज करने की मांग की है।
नई दिल्ली। चारा घोटाला प्रकरण में लालू प्रसाद यादव को किडनी प्रत्यारोपण के चलते जमानत पर रिहा किया गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में जमानत के खिलाफ दायर CBI की याचिका पर सुप्रीम सुनवाई हुई। सीबीआई ने लालू यादव की बेल का विरोध किया है। सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चारा घोटाला मामले में मेडिकल आधार पर जमानत मिलने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बैडमिंटन खेल रहे हैं।
सीबीआई ने की सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव की बेल कैसिंल करने की मांग
सीबीआई का कहना है कि वह चारा घोटाला प्रकरण में सजायाफ्ता मुजरिम हैं और मेडिकल आधार पर बेल लेकर जेल से बाहर हैं। लालू प्रसाद यादव के वकील कपिल सिब्ब्ल ने उनकी बेल का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट कहा है कि लालू यादव का स्वास्थ्य अभी ठीक नहीं है। हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया गया है। सिब्बल ने पीठ को बताया कि लालू प्रसाद ने मामले में 42 महीने जेल में बिताए हैं। जबकि सीबीआई ने लालू यादव के वकील की इस दलील का विरोध किया है।
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डोरंडा कोषागार मामले बेल रद्द करने की मांग की
सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार मामले में वापस जेल में डालने की सिफारिश की है। सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की मांग की है। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है।
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बेल पर रिहा होकर वह बैडमिंटन खेल रहे
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू यादव को बेल देने का झारखंड हाईकोर्ट का आदेश कानून की दृष्टि से खराब और गलत था। वह बैडमिंटन खेल रहे हैं। मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनको जमानत दे दी गई है। लालू प्रसाद यादव को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के पांच मामलों में सजा सुनाई गई है, जो 1992 और 1995 के बीच हुआ था। उस दौरान वह बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उनके पास ही वित्त और पशुपालन विभाग भी था।