कलेक्टर साब ने मांग ली 25 लाख की रिश्वत, व्यापारी ने पैसे तो नहीं दिए, उल्टा ऐसा उलझाया कि अब टेंशन में हैं

ये हैं ओडिशा के नयागढ़ के कलेक्टर रवींद्र नाथ साहू। इनके खिलाफ पुलिस ने लेटेराइट पत्थर की एक माइन के मालिक से कथित तौर पर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। 

Contributor Asianet | Published : Apr 21, 2023 6:54 AM IST / Updated: Apr 21 2023, 12:28 PM IST

भुवनेश्वर. ये हैं ओडिशा के नयागढ़ के कलेक्टर रवींद्र नाथ साहू। इनके खिलाफ पुलिस ने लेटेराइट पत्थर की एक माइन के मालिक से कथित तौर पर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। कलेक्टर की ओर से पैसे मांगने के आरोप में तीन अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

यह अलग बात है कि कलेक्टर रवींद्र नाथ साहू ने रिश्वत के आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता ने FIR इसलिए दर्ज कराई, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के एक आदेश को लागू करने की कोशिश की थी।

चंपागड़ा निवासी 35 वर्षीय सुशांत कुमार बराड ने 11 अप्रैल को चांदपुर थाने में FIR दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि नयागढ़ कलेक्टर रवींद्र नाथ साहू ने तीन अन्य लोगों के साथ 26 जनवरी को रानपुर तहसील स्थित उनकी खदान पर गए और माइन लीज में कंसेशन के लिए रिश्वत की मांग की।

FIR में नामजद तीन अन्य लोग दिलीप कुमार सामंतराय, दीपक कुमार राउत्रे और गणेश्वर मांधाता हैं, जो आसपास के गांवों के सभी स्थानीय लोग हैं। बराड ने कहा कि उन्होंने चांदपुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई, लेकिन स्थानीय पुलिस स्टेशन द्वारा पहले मामला दर्ज करने से इनकार किया गया था। बाद नयागढ़ के एसपी आलेख चंद्र पाही के हस्तक्षेप के बात ऐसा हुआ।

पीड़ित ने कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन से सहयोग नहीं मिलने पर उड़ीसा हाईकोर्ट का रुख किया। तब कोर्ट ने कलेक्टर पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया। चांदपुर थाना इनचार्ज इंस्पेक्टर मुकेश बेहरा ने बताया कि धारा 294 (अश्लील हरकत या शब्द), 506 (आपराधिक धमकी), 385 (जबरन वसूली करने के लिए डर या चोट पहुंचाना), 167 (सरकारी कर्मचारी के इरादे से गलत दस्तावेज तैयार करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच चल रही है।

हालांकि आरोप को खारिज करते हुए कलेक्टर ने कहा, "एनजीटी ने एक सर्वे के बाद माइनिंग लीज होल्डर पर 2.81 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। खनन क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू की गई थी। उन्होंने ध्यान हटाने के लिए FIR दर्ज की थी। मैं 26 जनवरी को कभी घटनास्थल पर नहीं गया, क्योंकि मैं गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में व्यस्त था।"

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