ओडिशा में 70 वर्षीय बुजुर्ग को पेंशन लेने के लिए भीषण गर्मी में कई किलोमीटर टूटी कुर्सी के सहारे पैदल चलने को मजबूर करने के वीडियो ने प्रशासन की किरकिरी करा दी है। उसे अपने अंगूठे का इम्प्रेशन देने जाना पड़ता है।
नबरंगपुर. ओडिशा में 70 वर्षीय बुजुर्ग को पेंशन लेने के लिए भीषण गर्मी में कई किलोमीटर टूटी कुर्सी के सहारे पैदल चलने को मजबूर करने के वीडियो ने प्रशासन की किरकिरी करा दी है। महिला की पहचान जिले के झरीगन ब्लॉक के बनुआगुड़ा गांव की सूर्या हरिजन के रूप में हुई है। इससे पहले कालाहांडी में 1100 किमी पैदल चलकर बेंगलुरु से अपने घर पहुंचे मजदूरों के मामले ने सरकार की फजीहत करा दी थी। इस मामले में फाइनेंस मिनिस्टर निर्माल सीतारमण ने tweet करके बैंक को कड़ी नसीहत दी।
ओडिशा के नबरंगपुर जिले में एक 70 वर्षीय महिला अपनी वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए संघर्ष करती देखी गई। उसे सरकार द्वारा दी जा रही पेंशन लेने के लिए टूटी कुर्सी के सहारे भीषण गर्मी में सड़क पर नंगे पैर जाते देखा गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूर्या हरिजन बेहद गरीब है। उसका बड़ा बेटा अब दूसरे राज्य में प्रवासी मजदूर के रूप में काम कर रहा है। वह अपने छोटे बेटे के परिवार के साथ रह रही है। वो दूसरे लोगों के जानवरों को चराकर अपना गुजारा करती है। परिवार के पास जोतने के लिए जमीन नहीं है। ये लोग झोपड़ी में रहते हैं।
महिला के पास पहले से पेंशन फंड था। लेकिन अब सिस्टम बदल गया है, तो उनके खाते में ऑनलाइन पैसा भेजा जा रहा है। लेकिन, बैंक अथॉरिटी के अनुसार, उसके बाएं अंगूठे का निशान (left thumb impression-LTI) कभी-कभी सैम्पल से मैच नहीं होता है, जिससे उनकी पेंशन का भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। कथित तौर पर इस कारण से या किसी अन्य कारण से महिला को पिछले चार महीनों से ऑनलाइन पेंशन नहीं मिल पाई है।
लिहाजा, फिजिकली वेरिफिकेशन के लिए उसे बैंक जाना पड़ता है। बुजुर्ग बहुत कमजोर है और वह अकेली नहीं चल सकती थी। उसे चलने के लिए सहायता के तौर पर छड़ी के रूप में एक कुर्सी की जरूरत पड़ी।
लोग बताते हैं कि एक बार वह बैंक जाते समय रास्ते में गिर गई थी। नतीजतन, उसके एक पैर में चोट लग गई थी। इसके बाद से उन्हें चलने में ज्यादा परेशानी हो रही है।
हालांकि, उसने अपना धैर्य नहीं खोया है। वह पेंशन फंड जारी करने के लिए अपना LTI जमा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से बैंक में उपस्थित होने का हर संभव प्रयास कर रही है।
इसी महीने के शुरुआत में ऐसा ही एक मामला ओडिशा के कालाहांडी में सामने आया था। यहां काम न मिलने पर ओडिशा के तीन मजदूर बेंगलुरु से कालाहांडी तक करीब 1100 किमी पैदल चलकर घर पहुंचे। हालांकि जब मामला मीडिया के जरिए तूल पकड़ा, तो अफसर मजदूरों के घर गए। अब अधिकारियों ने इसे नकारते हुए एक नई बात कही है।
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