दिल्ली HC में स्पीच टू टेक्स्ट सुविधा शुरू, अब जज बोलेंगे और खटाखट लिखेगा AI

दिल्ली हाईकोर्ट में स्पीच टू टेक्स्ट फैसिलिटी की शुरुआत हो चुकी है। जिसके तहत अब जज फैसला सुनाएंगे और एआई उसे लिखेगा। इससे समय की बचत होगी और काम भी जल्दी होगा।

दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट में स्पीच टू टेक्स्ट सुविधा के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम की शुरुआत हो गई है। अब जज फैसला सुनाएंगे तो उसे एआई सुनकर रिकॉर्ड भी करेगा और उसे टाइप भी करेगा। इससे समय और श्रम दोनों की बचत होगी। इस सुविधा से कोर्ट में स्टोनोग्राफर्स की कार्यक्षमता भी बढ़ जाएगी। क्योंकि उनका टाइप करने का समय भी बच जाएगा।

पहला स्पीच टू टेक्स्ट रूम

Latest Videos

जानकारी के अनुसार दिल्ली को स्पीच टू टेक्स्ट सुविधा वाला पहला कोर्ट रूम मिला है। वैसे तो दिल्ली की सभी कोर्ट में करीब 387 करोड़ रुपए की लागत से हाइब्रिड कोर्ट सुविधा शुरू करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन फिलहाल 14 पायलट प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। जिसके तहत पहले चरण में चिन्हित न्यायालयों में सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके बाद धीरे धीरे करके सभी कोर्ट में एआई हाई​ब्रिड कोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

तीस हजारी कोर्ट में शुरू, ऐप भी लांच

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का उद्घाटन दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन ने किया। इसी दौरान उन्होंने एक डिजिटल कोर्ट ऐप भी लांच किया। इस दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि एआई तकनीक से कानूनी व्यवस्था बेहतर होगी। इसी के साथ एआई टेक्निक के उपयोग से लोगों को न्याय भी जल्दी मिलेगा। डिजिटल कोर्ट ऐप न्यायिक अधिकारियों के लिए बहुत ही अच्छा ऐप है। इसके माध्यम से वे सभी ई फाइल केस तक आसानी से पहुंच जाएंगे।

डिजिटल कोर्ट ऐप में होगी ये सुविधा

जानकारी के अनुसार डिजिटल कोर्ट ऐप न्यायिक अधिकारियों की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से विभिन्न दस्तावेज और जानकारियां आसानी से कोर्ट के अधिकारियों को मिल जाया करेगी। इस ऐप के माध्यम से भौतिक दस्तावेज, केस की सूचना आदि समय पर मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें:  सीकर में सरकारी कर्मचारी ने किया सुसाइड, कार के अंदर मारी गोली, ये थी टेंशन

पेपर लैस होगी कोर्ट की कार्यवाही

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग होने से कोर्ट की कार्यवाही पेपर लैस होने लगेगी। ​वर्तमान में कोर्ट से संबंधित किसी भी कार्यवाही या केस में विभिन्न दस्तावेज होते हैं। एक एक दस्तावेज को देखने में भी समय लगता है। लेकिन अब सभी दस्तावेज ऐप में अपलोड होंगे और एआई तकनीक का उपयोग होगा तो विभिन्न न्यायालयीन कार्यवाही भी ऑनलाइन चलने लगेगी। जिससे दस्तावेज संभालने की जरूरत भी नहीं होगी।

यह भी पढ़ें:  लड़की का नंबर मांगना यौन उत्पीड़न नहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने क्यों कही ये बात

Share this article
click me!

Latest Videos

Akhilesh Yadav: 'अब हिले हुए दिखाई दे रहे हैं हमारे डरे हुए मुख्यमंत्री' #Shorts
Rahul Gandhi Speech: राहुल गांधी ने Biden से क्यों की PM Modi की तुलना, कहा- हो गया ये प्रॉब्लम
Nagpur Poha Shop पर पहुंचे Rahul Gandhi, फिर खुद भी किया ट्राई | Maharashtra Election 2024
नाइजीरिया, ब्राजील, गुयाना की 5 दिन की यात्रा पर निकले PM मोदी
देश संविधान से चलना चाहिए और PM मोदी कहते हैं कि संविधान एक खोखली किताब है: राहुल गांधी