सार

किसी लड़की या महिला से उसका नंबर मांगना गलत हो सकता है। लेकिन वह यौन उत्पीड़न नहीं हो सकता है। ये बात गुजरात हाईकोर्ट ने एक केस में पुलिस द्वारा लिए गए एक्शन के खिलाफ कही है। आईये जानते हैं। क्या है पूरा मामला।

 

अहमदाबाद. गुजरात के गांधीनगर में एक महिला ने एक युवक के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया है। महिला ने सेक्टर 21 में रहने वाले समीर रॉय पर आरोप लगाया है कि उसने युवती का मोबाइल नंबर, उसका नाम और पता पूछा था। इस केस में कोर्ट ने कहा कि किसी का नंबर पूछना गलत हो सकता है। लेकिन उसे यौन उत्पीड़न नहीं मान सकते हैं।

पुलिस ने बदले के लिए रची साजिश

इस मामले में समीर रॉय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके खिलाफ की गई एफआईआर बदला लेने की नियत से की गई है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को पुलिस ने उनके साथ मारपीट कर उनका मोबाइल छीन लिया था। जिसके बाद उन्होंने पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसका बदला लेने के लिए उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है।

जस्टिस देसाई ने कहा यौन उत्पीड़न नहीं

इस मामले में समीर ने बताया कि उन्हें 9 मई को पता चला था कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में केस दर्ज किया गया है। ये इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निरजार देसाई ने कहा कि अगर कोई किसी से उसके नंबर पूछता है तो यह उसके लिए अपमानजनक या गलत हो सकता है। लेकिन ये यौन शोषण नहीं हो सकता है। इसके लिए एफआईआर दर्ज करवाना भी गलत है।

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आईपीसी की धारा 354

जस्टिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 354 यौन उत्पीड़न के तहत सजा के लिए है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 354A में केस दर्ज किया है। अगर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को सही माना जाए तो क्या किसी अज्ञात महिला का नाम, नंबर या पता पूछना यौन शोषण है। इसलिए एफआईआर में लिखित तथ्यों के आधार पर ये यौन उत्पीड़न नहीं होगा।

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