एक्शन में धामी सरकार: उत्तराखंड में अवैध 465 मजारों और 45 मंदिरों पर क्यों चला बुलडोजर?

Published : Aug 12, 2023, 07:20 AM ISTUpdated : Aug 12, 2023, 07:22 AM IST
Encroachment on forest land in Uttarakhand

सार

उत्तराखंड सरकार अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ 'जबर्दस्त एक्शन' में है। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राज्य में अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर और वन भूमि पर अतिक्रमण पर अपनी कार्रवाई में तेजी ला दी है। 

देहरादून. उत्तराखंड सरकार अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ 'जबर्दस्त एक्शन' में है। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राज्य में अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर और वन भूमि पर अतिक्रमण पर अपनी कार्रवाई में तेजी ला दी है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने एक मीडिया को बताया कि इस साल मई से अब तक 465 मजार (मकबरे), 45 मंदिर और गुरुद्वारा समिति द्वारा किए गए दो अतिक्रमण हटा दिए गए हैं।

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1. हालांकि कांग्रेस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को खराब करने के प्रयास के रूप में इस अभियान की आलोचना की है। वहीं भाजपा ने तर्क दिया कि इसमें कोई रिलीजियस एंगल नहीं है। यह अभियान अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए चलाया जा रहा है।

2.राज्य वन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, उत्तराखंड में अतिक्रमण तेजी से फैला है। 11,814 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।

3.पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल मई में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी। इसके तुरंत बाद उन्होंने वन विभाग को वन भूमि पर बने अनधिकृत मजारों, मस्जिदों, मंदिरों और चर्चों की पहचान करने का निर्देश दिया था। अतिक्रमण हटाने अभियान इस साल मई में शुरू हुआ।

4. एक सीनिय अधिकारी के अनुसार अभियान के माध्यम से अब तक 2,508 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

5. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई डिवीजनल फॉरेस्ट आफिसर्स द्वारा की जा रही है। सबसे अधिक अतिक्रमण देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों से हटाया गया है।

6.मुख्य वन संरक्षक(chief conservator of forests) और अतिक्रमण विरोधी अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार वन भूमि और अन्य राज्य भूमि दोनों पर अतिक्रमण को हटाने यह अभियान छेड़ा है।

7. कानूनी प्रावधानों के तहत धार्मिक स्ट्रक्चर, दुकानों, भोजनालयों, खेतों और आवासों जैसे गैरकानूनी अतिक्रमणों को हटाने के लिए कार्रवाई की गई है।

8.सीनियर अधिकारी के अनुसार, वक्फ बोर्ड के तहत आने वालीं मजारों को नहीं छुआ गया है, केवल अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाया गया है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।

9.अप्रैल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के हिंदी मुखपत्र पांचजन्य को दिए इंटरव्यू में धामी दो टूक कहा था कि मजारों से असामाजिक तत्व निकलते हैं।

10. एक अनुमान के अनुसार वन भूमि पर 1000 से अधिक मजारें बनाई गई हैं। कांग्रेस ने अतिक्रमण हटाओ अभियान को लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में ध्रुवीकरण के उद्देश्य से एक एक्सरसाइज बताया है।

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