इस मामले में कुल 103 लोगों ने गवाही दी थी, हालांकि इनमें से 24 पक्षद्रोही हो गए यानी अपने पहले के बयान से पलट गए। इनमें मधु का कजिन भी शामिल था।
गवाही के दौरान कई चौंकाने वाली घटनाएं हुईं। जैसे पक्षद्रोही गवाहों के दोबारा परीक्षण की स्थिति बनी। गुपचुप बयान देने वाले भी उन लोगों में शामिल थे, जो मुकर गए। रिपोर्ट को लेकर विवाद भी हुआ था। अंतत: विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना पड़ा।