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इंदौर रामनवमी हादसा:1970-80 के बीच हर साल 5-7 लोग इसी बावड़ी में कूदकर मरते थे, चोरों के लिए माल छुपाने की सीक्रेट जगह थी
रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे के बाद 'खूनी बावड़ी' को भले ही 3 अप्रैल को मिट्टी से पूर दिया गया है, लेकिन इसे लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं।
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इंदौर. रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे के बाद 'खूनी बावड़ी' को भले ही 3 अप्रैल को मिट्टी से पूर दिया गया है, लेकिन इसे लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। रामनवमी(30 मार्च) पर हवन के दौरान बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत के बाद नगर निगम एक्टिव हुआ और सोमवार को मंदिर परिसर में हुए अतिक्रमण को हटा दिया गया।
लोगों का मानना है कि कभी यह बावड़ी सुसाइड स्पॉट होने के लिए बदनाम थी। यह पहली तस्वीर सिंधी कॉलोनी में रहने वालीं रिया खत्री की है। इनके इकलौते बेटे 11 वर्षीय सोमेश खत्री की इस हादसे में जान चली गई। रिया और उनके पति कमल तब तक घटनास्थल से नहीं हिले थे, जब तक कि सोमेश की लाश बावड़ी से बाहर नहीं निकल आई। वे बार-बार तस्वीर के सामने बैठकर यही कहते हुए रोती रहीं कि मेरा बेटा चला गया।
स्थानीय निवासी लक्ष्मीकांत पटेल ने दावा किया, "1970 और 1980 के बीच हर साल पांच से सात लोग इस कुएं में कूदकर मर जाते थे (जब बावड़ी का खुलासा हुआ था) और पुलिस हमारे परिवार को गवाह के रूप में कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए परेशान करती थी।" मंदिर के फर्श की गुफा में गिरने से उनकी पत्नी और बहू समेत चार परिजनों की मौत हो गई।
इलाके के सबसे पुराने निवासियों में से एक लक्ष्मीकांत पटेल ने कहा कि वह और उनके परिजन कई वर्षों से इस बदकिस्मत मंदिर की देखभाल कर रहे हैं।
लक्ष्मीकांत पटेल के अनुसार, बावड़ी यहां होलकर राजवंश द्वारा बनवाई गई थी और उनका परिवार 1969 से इसके करीब रह रहा था।
लक्ष्मीकांत पटेल ने कहा, "मेरे परिवार ने बावड़ी को लोहे की जाली (ग्रिल) से ढकवा दिया था। हालांकि, कुछ लोगों ने इस ढक्कन को हटाना शुरू कर दिया।
कहा जा रहा है कि बावड़ी में कुछ लोगों ने चोरी का सामान तक जमा करना शुरू कर दिया था। 1980 में स्थानीय प्रशासन ने बावड़ी को स्लैब से ढक दिया।
मार्च को हुई त्रासदी के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार, मंदिर के अध्यक्ष और सचिव पर मंदिर में बावड़ी को ढककर असुरक्षित काम करने और ढांचे में अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए इंदौर नगर निगम के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने कहा कि दोनों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है, क्योंकि घटना में सबनानी खुद भी घायल गए थे। इस बीच सोमवार को मंदिर का अतिक्रमण हटा दिया गया।
ये तस्वीर हादसे में जान गंवाने वालों के सामूहिक अंतिम संस्कार की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हादसे के बाद घायलों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।