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  • इंदौर रामनवमी हादसा:1970-80 के बीच हर साल 5-7 लोग इसी बावड़ी में कूदकर मरते थे, चोरों के लिए माल छुपाने की सीक्रेट जगह थी

इंदौर रामनवमी हादसा:1970-80 के बीच हर साल 5-7 लोग इसी बावड़ी में कूदकर मरते थे, चोरों के लिए माल छुपाने की सीक्रेट जगह थी

रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे के बाद 'खूनी बावड़ी' को भले ही 3 अप्रैल को मिट्टी से पूर दिया गया है, लेकिन इसे लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। 

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Amitabh Budholiya
Published : Apr 04 2023, 09:39 AM IST| Updated : Apr 04 2023, 09:42 AM IST
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Image Credit : Asianet News

इंदौर. रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे के बाद 'खूनी बावड़ी' को भले ही 3 अप्रैल को मिट्टी से पूर दिया गया है, लेकिन इसे लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। रामनवमी(30 मार्च) पर हवन के दौरान बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत के बाद नगर निगम एक्टिव हुआ और सोमवार को मंदिर परिसर में हुए अतिक्रमण को हटा दिया गया।

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Image Credit : Asianet News

लोगों का मानना है कि कभी यह बावड़ी सुसाइड स्पॉट होने के लिए बदनाम थी। यह पहली तस्वीर सिंधी कॉलोनी में रहने वालीं रिया खत्री की है। इनके इकलौते बेटे 11 वर्षीय सोमेश खत्री की इस हादसे में जान चली गई। रिया और उनके पति कमल तब तक घटनास्थल से नहीं हिले थे, जब तक कि सोमेश की लाश बावड़ी से बाहर नहीं निकल आई। वे बार-बार तस्वीर के सामने बैठकर यही कहते हुए रोती रहीं कि मेरा बेटा चला गया।

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Image Credit : Asianet News

स्थानीय निवासी लक्ष्मीकांत पटेल ने दावा किया, "1970 और 1980 के बीच हर साल पांच से सात लोग इस कुएं में कूदकर मर जाते थे (जब बावड़ी का खुलासा हुआ था) और पुलिस हमारे परिवार को गवाह के रूप में कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए परेशान करती थी।" मंदिर के फर्श की गुफा में गिरने से उनकी पत्नी और बहू समेत चार परिजनों की मौत हो गई।

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इलाके के सबसे पुराने निवासियों में से एक लक्ष्मीकांत पटेल ने कहा कि वह और उनके परिजन कई वर्षों से इस बदकिस्मत मंदिर की देखभाल कर रहे हैं।

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लक्ष्मीकांत पटेल के अनुसार, बावड़ी यहां होलकर राजवंश द्वारा बनवाई गई थी और उनका परिवार 1969 से इसके करीब रह रहा था।

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Image Credit : Asianet News

लक्ष्मीकांत पटेल ने कहा, "मेरे परिवार ने बावड़ी को लोहे की जाली (ग्रिल) से ढकवा दिया था। हालांकि, कुछ लोगों ने इस ढक्कन को हटाना शुरू कर दिया।

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Image Credit : Asianet News

कहा जा रहा है कि बावड़ी में कुछ लोगों ने चोरी का सामान तक जमा करना शुरू कर दिया था। 1980 में स्थानीय प्रशासन ने बावड़ी को स्लैब से ढक दिया।

यह भी पढ़ें-इंदौर रामनवमी हादसा: 36 जिंदगियां लीलने वाली 'हत्यारी बावड़ी' पर चला बुलडोजर, लोग बोले-इसे देखकर रूह कांप जाती थी

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Image Credit : PTI

मार्च को हुई त्रासदी के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है।

यह भी पढ़ें-1972 तक ओपन थी इंदौर की ये खूनी बावड़ी, 1983 के बाद ऐसा क्या हुआ कि लोग गिरकर मरते गए, क्यों फेल हुआ बुलडोजर?

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Image Credit : PTI

पुलिस के अनुसार, मंदिर के अध्यक्ष और सचिव पर मंदिर में बावड़ी को ढककर असुरक्षित काम करने और ढांचे में अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए इंदौर नगर निगम के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है।

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Image Credit : Asianet News

पुलिस ने कहा कि दोनों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है, क्योंकि घटना में सबनानी खुद भी घायल गए थे। इस बीच सोमवार को मंदिर का अतिक्रमण हटा दिया गया।

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Image Credit : PTI

ये तस्वीर हादसे में जान गंवाने वालों के सामूहिक अंतिम संस्कार की है।

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Image Credit : PTI

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हादसे के बाद घायलों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

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Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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