सार

रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे को लेकर सवालों में घिरे नगर निगम का बुलडोजर आखिरकार मंदिर जा पहुंचा। सोमवार(3 अप्रैल) की सुबह मंदिर का अवैध निर्माण वाला हिस्सा तोड़ दिया गया।

इंदौर. रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे को लेकर सवालों में घिरे नगर निगम का बुलडोजर आखिरकार एक्शन में आ ही गया। सोमवार(3 अप्रैल) की सुबह मंदिर का अवैध निर्माण वाला हिस्सा तोड़ दिया गया। रामनवमी पर हवन के दौरान बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत के बाद नगर निगम एक्टिव हुआ। मंदिर परिसर में हुए अतिक्रमण को हटाने सुबह 6 बजे से नगर निगम का अमला पहुंच गया था।

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कई धार्मिक स्थलों से अतिक्रमण हटाया गया

नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले का बजरंग दल और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। अमले ने बावड़ी पर बने अवैध निर्माण को तोड़कर उसमें मलबा भरवा दिया। इसके अलावा बिना परमिशन बनाए जा रहे नए मंदिर का निर्माण भी गिरा दिया गया। अफसरों ने कहा कि बावड़ी में काफी दरारें हो गई थीं, इसलिए उसका संरक्षण संभव नहीं था। इस दौरान मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। नगर निगम ने इस दौरान ढक्कन वाला कुआं, सुखलिया और गाडराखेड़ी में भी धार्मिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण को ढहा दिया।

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अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नगर निगम के पटेल नगर उद्यान का अमला सुबह 5 बजे मौके पर पहुंचा। इसके साथ 50 से ज्यादा मजदूर, तीन जेसीबी और एक पोकलेन मशीन थी। पटेल नगर की तरफ जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। कार्रवाई शुरू होने से पहले बेलेश्वर मंदिर की मूर्तियों को सम्मान के साथ शिफ्ट कर दिया गया। पटेल नगर के रहने वालों ने दु:खी होकर कहा कि जब भी वे यहां से गुजरते थे, तो बावड़ी की घटना उनकी रूह कंपा देती थी।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेशभर में जहां भी ऐसे कुएं-बावड़ी ढंककर रखे गए हैं, उनकी जांच शुरू कराने का आदेश दिया गया है।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह मंदिर काफी पुराना है। करीब 20-25 साल पहले मंदिर के नवनिर्माण की योजना बनी थी। मंदिर के नव निर्माण को देखते हुए बावड़ी को बंद करने का फैसला किया गया था। लेकिन लापरवाही यह रही कि बावड़ी में मलबा भरवाने की बजाय उस पर फर्शियां रखवा दीं। ये फर्शियां अधिक लोगों का दबाव नहीं सह पाईं और टूट गई थीं।

इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां जो निर्माण विधि अनुसार नहीं था उसे हटाया है। हम बावड़ी को पूरी तरह भर देंगे, जिससे ऐसी घटना न हो। यहां कुल 200-250 का बल तैनात है। शहर में जितने भी ऐसे निर्माण हैं, उसके लिए लोगों से बात करते हुए हटाएंगे-इंदौर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर सिद्धार्थ जैन

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