गुजरात में बारिश बनी आफत: बाढ़ से कई घर डूबे, 3 दिन में 35 जानें गईं

गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के चलते बुधवार को 25 लोगों की जान चली गई है। लगातार हो रही बरसात से कई गांव डूबने के साथ शहरों में भी पानी भर गया है। प्रदेश में बाढ़ से अब तक कुल 35 लोगों की जान चली गई है।

अहमदाबाद। बारिश गुजरात में कहर बरपा रही है। तेज बरसात के चलते प्रदेश के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ के चलते कई घर जमींदोज हो गए हैं। बारिश से बुधवार को 25 लोगों की जान चली गई। प्रदेश में बाढ़ से अब तक कुल 35 लोगों की जान जा चुकी है। सरकार और प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों को घरों से केवल जरूरी काम से ही निकलने की अपील की है। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से चौथे दिन राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ में डूबे इलाकों से करीब 17800 लोगों को निकाला गया है। 

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, वायु सेना और भारतीय तट रक्षकों की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से भी फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर केंद्र की ओर से सहायता करने का आश्वासन भी दिया।

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बारिश ने 12 घंटे में मचाई तबाही
बारिश के चलते प्रदेश के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। मूसलाधार बारिश ने शहरों में भी हालात बेकाबू कर दिए हैं। सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर समेत कई जिले तेज बारिश और बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां पिछले 12 घंटों में 50 मिमी से 200 मिमी रफ्तार के साथ बारिश हुई। द्वारका के भनवाद तालुका में 185 मिमी बारिश हुई जो कि प्रदेश में सबसे अधिक है। प्रदेश के 14 जिलों में बाढ़ के चलते मुसीबत खड़ी हो गई है।

वडोदरा शहर में फिलहाल बारिश रुक गई है लेकिन विश्वामित्र नदी  के उफान पर होने से निचले इलाकों में बाढ़ से कई घर डूब गए हैं। अब तक 41 हजार लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है। 3000 हजार लोगों की जान बचाई गई है। 

बारिश और बाढ़ से 2017 में भी बेकाबू हुए थे हालात
बारिश और बाढ़ ने इससे पहले भी प्रदेश में तबाही मचाही है। वर्ष 2017 में जुलाई माह में भयंकर बारिश के कारण लोगों पर संकट आ गया था। बाढ़ के चलते कई गांव डूब गए थे तो शहरों में भी कई इलाकों में घरोें तक में पानी घुस गया था। इस आपदा में करीब 70 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। जबकि करीब 25 हजार लोगों को वायुसेना और एनडीआरएफ ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। 

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