क्यों चर्चा में है मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट 'देवभूमि कॉरिडोर' जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये गुजरात में चमत्कार ला देगा
पश्चिम भारत के सबसे बड़े आध्यात्मिक केंद्र यानी 'देवभूमि कॉरिडोर' के निर्माण की खबर इस समय मीडिया की सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि यह वाराणसी के काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकाल लोक और मथुरा कॉरिडोर के बाद एक मिसाल बनेगा।
Amitabh Budholiya | Published : Apr 10, 2023 4:10 AM IST / Updated: Apr 10 2023, 10:46 AM IST
अहमदाबाद. पश्चिम भारत के सबसे बड़े आध्यात्मिक केंद्र यानी 'देवभूमि कॉरिडोर' के निर्माण की खबर इस समय मीडिया की सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि यह वाराणसी के काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकाल लोक और मथुरा कॉरिडोर के बाद एक मिसाल बनेगा। देवभूमि कॉरिडोर गुजरात के द्वारका में बनाने की तैयारी चल रही है। इस कॉरिडोर के बनने से आध्यात्मिक स्थल द्वारका के साथ शिवराजपुर समुद्री इलाके का भी नजारा एकदम बदल जाएगा।
देवभूमि कॉरिडोर के तहत रामसेतु सिग्नेचर ब्रिज द्वारका को जोड़ेगा। ओखा से बेट द्वारका तक इस ब्रिज का निर्माण हो रहा है। कहा जा रहा है कि 2320 मीटर लंबा यह फोर लेन ब्रिज भारत का सबसे लंबा केबल स्टे ब्रिज होगा। इसके निर्माण पर 870 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
देवभूमि कॉरिडोर के तहत बेट द्वारका आईलैंड को दुनिया के नक्शे पर लाने की तैयारी है। इसके पहले फेज पर 138 करोड़ रुपए खर्च आ रहे हैं। इसके तहत यहां इको टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स, मरीन इंटरप्रिटेशन सेंटर, लेक फ्रंट, डॉल्फिन व्यूइंग गैलरी और डूबी द्वारका नगरी देखने के लिए विशेष गैलरी तैयार की जा रही है।
देवभूमि कॉरिडोर का एक मुख्य आकर्षण यहां भगवान द्वारकाधीश की 108 फुट की मूर्ति भी होगी। दावा किया जा रहा है कि यह भारत में भगवान कृष्ण की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। इसका निर्माण गोमती के किनारे पंचकुई क्षेत्र में हो रहा है। जन्माष्टमी पर इसका भूमिपूजन किया जाएगा।