Ladakh Protest : अनोखी पहाड़ियां और राजसी सुंदरता के लिए फेमस लद्दाख में इस समय हिंसा हो रही है। गांव से लेकर शहर और लेह हिल पर आंदोलनकारी अपनी चारों मांगे पूरी नहीं होने पर विरोध-प्रदर्शन और आगजनी कर रहे हैं।
बर्फ से ढके विशाल पहाड़ और घुमावदार पहाड़ी दर्रे वाली सड़कें…झीलों और घाटियों की अद्भुत सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में फेमस लद्दाख आज जल रहा है। टूरिस्टों को अपना परिवार मानने वाले लोग सड़कों पर बावाल मचा रहे हैं। उनके हाथों में लाठी-पत्थर है, वह जगह जगह आगजनी कर रहे हैं। इन सबके उनकी एक ही मांग है कि उनके स्टेट को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
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पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए लगाई आग
दरअसल, अभी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश है। लेकिन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में बुधवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। यहां तक की युवाओं ने भाजपा ऑफिस में आग लगा दी और पुलिस पर पत्थरबाजी की। जब CRPF मोर्चा संभालने के लिए पहुंची तो उनकी ही गाड़ी में आग लगा दी।
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सोनम वांगचुक के समर्थन में जल रहा लद्दाख
बता दें कि लद्दाख के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सब सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक अंडर और उनके समर्थन में किया जा रहा है। वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन जब मांगें पूरी नहीं हुईं तो उन्होंने बुधवार को लद्दाख बंद बुलाया है। जहां जगह-जगह हिंसा और आगजनी की तस्वीरें सामने आई हैं।
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लद्दाख के छात्रों की चार प्रमुख मांगे
लद्दाख के छात्रों की चार प्रमुख मांगे हैं। पहली मांग-लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा। दसूरी मांग-6वीं अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, तीसरी मांग- कारगिल और लेह को अलग अलग सीट किया जाए। आखिरी और चौथी मांग-सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों की भर्ती हो।
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केंद्र सरकार खिलाफ हो रहा विरोध
साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस लेकर लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। केंद्र सरकार ने उस समय राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। लेकिन अब तक दर्जा नहीं मिला तो विरोध होने लगा।
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पहले किया सपोर्ट अब कर रहे हिंसा
बता दें कि खुद सोनम वांगचुक समेत उनके हजारों समर्थकों ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया था। लेकिन अब लद्दाख में गुस्सा है, वह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और भूख हड़ताल पर उतर आए हैं।
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लेह हिल काउंसिल पर हुई हिंसा
आंदोलनकारी मंगलवार की रात ही सोशल मीडिया के जरिए जुटने लगे थे।लद्दाख बंद बुलाने का आह्वान करते हुए लोगों से लेह हिल काउंसिल पहुंचने की अपील की। आलम यह था कि रात को ही हजारों लोग वहां पहुंच गए थे।