असम में कथित तौर पर सरकारी खजाने से 105 करोड़ रुपए की हेराफेरी की आरोपी निलंबित IAS सेवाली देवी शर्मा(IAS Sewali Devi Sharma) की गिरफ्तारी के प्रबल योग बन रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री के स्पेशल विजिलेंस सेल पूछताछ कर रही है।
गुवाहाटी(Guwahati). असम में कथित तौर पर सरकारी खजाने से 105 करोड़ रुपए की हेराफेरी की आरोपी निलंबित IAS सेवाली देवी शर्मा(suspended IAS officer Sewali Devi Sharma) की गिरफ्तारी के प्रबल योग बन रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री के स्पेशल विजिलेंस सेल पूछताछ कर रही है। रिपोर्टों के अनुसार, निलंबित IAS पर अपने ठेकेदार दामाद अजीत पाल सिंह के साथ बिना कोई वर्क ऑर्डर दिखाए 105 करोड़ रुपये का गबन करने का इल्जाम है।
आरोप है कि सेवाली देवी ने कथित तौर पर सरकारी खजाने से पैसे निकालने के लिए एक फेक इंस्टीट्यूशन खोला और कथित तौर पर 13 करोड़ रुपये के बजट से एक स्मार्ट क्लास का निर्माण कराया, जो बेसिक रिक्वायरमेंट को पूरा करने में भी विफल रही। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो असम के एजूकेशन मिनिस्टर रानोज पेगू कहते हैं कि, "यह एक ऐसा मामला है जिसकी वर्तमान में सीएम सतर्कता सेल द्वारा जांच की जा रही है और टीम वर्तमान में तथ्यात्मक सबूतों का पता लगाने के लिए आगे बढ़ रही है।"
स्टेट काउंसिल आफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) के एग्जिक्यूटिव और डायरेक्टर के रूप में 2017- 2020 के अपने कार्यकाल के दौरान सेवली देवी ने असम सरकार की सहमति के बिना पांच बैंक अकाउंट खुलवाए थे। जांच अधिकारी अब कई एडिशनल एजुकेशन आफिसर्स और कर्मियों से भी पूछताछ कर रहे हैं, जिनमें चार अधिकारियों का भी निलंबित किया गया है। इनमें एनएल सोनोवाल, जयचंद्र लश्कर, रामिजुद्दीन अहमद और फोर्थ क्लास एम्पलाय रुबुल अली कथित रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में शामिल हैं।
चीफ मिनिस्टर स्पेशल विजिलेंस सेल इस घोटाले को बहुत गंभीरता से ले रहा है और सच्चाई का पता लगाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। ऐसे में गबन में शामिल किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के बचने के आसार नहीं है।
यह भी पढ़ें