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अपनी ही 'जेल' में जाने से डर गई जेलर, जज से बोली-प्लीज मुझे वहां मत भेजो, मां की 'चालाक' बेटी भी मुंह छुपाए रोती रही
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उज्जैन. मध्य प्रदेश की उज्जैन स्थित केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में 100 कर्मचारियों के डिपार्टमेंटल प्रोविडेंट फंड(DPF ujjain scam) से 15 करोड़ रुपए का गबन करने वाली जेल सुपरिटेंडेंट(अब पूर्व) उषा राज की बेटी भी जांच के दायर में आ गई है। मां पहले से ही जेल में है, अब बेटी भी अरेस्ट हो गई है। गबन कांड की मुख्य आरोपी उषाराज की बेटी उत्कर्षणी उर्फ पावली (24) को सोमवार को भोपाल से गिरफ्तार किया है।
जांच में सामने आया है कि गबन का पैसा ठिकाने लगाने में पावली ने मां की पूरी मदद की। पावली के पास से 250 ग्राम सोना और एक किलो चांदी मिली है। रात में जब कोर्ट ने उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, तो वो भाई और मौसी को देखकर रोती रही।
आरोपी मां उषा राज की गिरफ्तारी के बाद से ही पावली गायब हो गई थी। बाद में सूचना मिली थी कि वो भोपाल में छुपी हुई है।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की जेल सुपरिटेंडेंट उषा राजे की साजिश में उनकी बेटी भी साथ रही। उसने मां को गिरफ्तारी से बचाने कहा था कि उन्हें हार्ट अटैक आया है और वो इंदौर के एक हॉस्पिटल में एडमिट हैं।
10 अप्रैल को पावली को जब कोर्ट में पेश किया गया, तो वो मुंह पर कपड़ा बांधे डरी-सहमी बैठी रही। करीब 3 घंटे कोर्ट रूम के बाहर बैठी पावली पुलिसवालों से पूछती रही कि अब क्या होगा?
इससे पहले 8 अप्रैल को पुलिस ने 14 दिन की रिमांड खत्म होने पर उषा राज सहित तीन अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था।
कोर्ट में उषा राज मजिस्ट्रेट के सामने गिड़गिड़ाती रहीं कि उन्हें भैरवगढ़ जेल में न भेजा जाए। कोर्ट ने उषा राजे, रिपुदमन और शैलेंद्र सिकरवार को 17 अप्रैल तक इंदौर जेल, जबकि एक अन्य आरोपी शुभम को भैरवगढ़ जेल भेज दिया।
केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए घोटाले के मामले में पुलिस ने 13 लोगों को आरोपी बनाया है।
हालांकि पुलिस उषा राज से अभी बहुत ज्यादा उगलवा नहीं पाई है। पुलिस को शक है कि उसकी बेटी पावली को राज़ पता हो सकते हैं।