त्रिपुरा के राजा का पॉलिटिक्स से दिल टूटा, इस इलेक्शन के बाद लेंगे संन्यास, कहा-गरीबों की लड़ाई में सबने अकेला छोड़ा

'तिपरा मोथा' पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने 14 फरवरी को ऐलान कर दिया कि वह 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति छोड़ देंगे और कभी भी 'बुबागरा' (राजा) के रूप में वोट नहीं मांगेंगे।

Amitabh Budholiya | Published : Feb 15, 2023 1:31 AM IST / Updated: Feb 15 2023, 07:03 AM IST
16

चारिलम (Charilam). त्रिपुरा की पॉलिटिक्स में खासा दखल रखने वाले 'तिपरा मोथा' पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा(Tipra Motha chairman Pradyot Kishore Manikya Debbarma) ने 14 फरवरी को ऐलान कर दिया कि वह 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति छोड़ देंगे और कभी भी 'बुबागरा' (राजा) के रूप में वोट नहीं मांगेंगे। बता दें कि त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। तिपरा मोथा 60 में से 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि माणिक्य राजवंश का 15 अक्टूबर, 1949 को भारत में विलय हो गया था। उनके पिता त्रिपुरा को राजा थे। प्रद्योत माणिक्य शाही फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता कांग्रेस से तीन बार सांसद रह चुके हैं। मां त्रिपुरा सरकार में मंत्री रही हैं। प्रद्योत ग्रेट टिपरालैंड की मांग उठाते आ रहे हैं।
 

26

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन चारिलम में एक रैली को संबोधित करते हुए त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वंशज ने कहा कि कई नेताओं ने खाना, छत और शिक्षा की पहुंच से दूर वाले गरीब लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने की उनकी भावना को समझे बिना उनका साथ छोड़ दिया है। (File Photo)

36

प्रद्योत माणिक्य ने कहा-"आज राजनीतिक मंच पर मेरा आखिरी भाषण है और मैं विधानसभा चुनाव के बाद बुबागरा के रूप में वोट नहीं मांगूंगा। इससे मुझे दु:ख हुआ, लेकिन मैंने आपके लिए एक कठिन लड़ाई लड़ी है।"

प्रद्योत ने अगरतला से करीब 35 किलोमीटर दूर चारिलम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा-"यह निश्चित है कि बुबाग्रा दो मार्च के बाद राजनीति में नहीं होंगे, लेकिन मैं हमेशा अपने लोगों के साथ रहूंगा। मैं स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, गरीबों को छात्रवृत्ति देने के लिए काम करूंगा।" 

46

पूर्व शाही परिवार के एक अन्य सदस्य उपमुख्यमंत्री जिष्णु देब वर्मा चारिलम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं। प्रद्योत ने कहा-"वह (जिष्णु देबबर्मन) जानते हैं कि जब मैं चुनौती लेता हूं, तो मुझे केवल दोफा (समुदाय) दिखाई देता है। मैं उन्हें युद्ध में एक इंच जमीन भी नहीं दूंगा। हालांकि यह शाही परिवार की लड़ाई नहीं है, यह उन गरीबों के लिए लड़ाई है, जिनके पास भोजन, छत और शिक्षा नहीं है।" (File Photo)

56

बता दें कि सुबोध देबबर्मा चारिलम निर्वाचन क्षेत्र से टिपरा मोथा के उम्मीदवार हैं। देबबर्मा ने यह भी कहा कि वह बंगाली विरोधी नहीं हैं।

प्रद्योत ने कहा-"जिस परिवार ने रवींद्रनाथ टैगोर और आचार्य जगदीश चंद्र बोस की मदद की और उनका सम्मान किया, उन्हें बंगाली विरोधी नहीं होने के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।"

प्रद्योत माणिक्य देब बर्मा शाही परिवार से आते हैं। अभी वे औपचारिक तौर पर राजा हैं। इनके पिता किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा और मां का नाम बिभू कुमारी देवी है।

यह भी पढ़ें-'जिहाद' पर बोलते हुए मदनी का कोर्ट और सरकार पर बड़ा इल्जाम-'दंगों के दौरान भी मुसलमान मारे जाते हैं, लूटे भी मुसलमान जाते हैं'
 

66

प्रद्योत का जन्म 4 जुलाई, 1978 को दिल्ली में हुआ था। हालांकि अब वो अगरतला में रहते हैं। उनकी एजुकेशन शिलांग में हुई। प्रद्योत माणिक्य देब के राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से हुई थी। उन्हें 25 फरवरी 2019 को त्रिपुरा कांग्रेस का चेयरमैन चुन गया था। हालांकि एनआरसी के मुद्दे पर उन्होंने पार्टी से इस्तीफ दे दिया था। तब भी उन्होंने कुछ समय के लिए पॉलिटिक्स से ब्रेक लिया था।
 

यह भी पढ़ें-शाह की खरी-खरी: अगर प्रॉडक्ट अच्छा है, तो गाजे-बाजे के साथ मार्केटिंग करना ही चाहिए, PFI को कांग्रेस ने बचाया, वो तो...?

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos