Tripura Election: हिमाचल की जीत से उत्साहित कांग्रेस-वाम ने खेला ओल्ड पेंशन स्कीम का दांव, ये किया बड़ा वादा

Published : Feb 13, 2023, 10:40 AM ISTUpdated : Feb 13, 2023, 10:41 AM IST
Tripura Assembly Election 2023

सार

ओल्ड पेंशन स्कीम(Old Pension Scheme) का दांव खेलकर हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने यही ऐलान अब त्रिपुरा में भी किया है। माकपा के सीनियर लीडर प्रकाश करात ने कहा कि सत्ता में आने पर वाम-कांग्रेस गठबंधन पुरानी पेंशन योजना शुरू करेगा।

अगरतला. ओल्ड पेंशन स्कीम(Old Pension Scheme) का दांव खेलकर हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने यही ऐलान अब त्रिपुरा में भी किया है। माकपा के सीनियर लीडर प्रकाश करात ने कहा कि त्रिपुरा में सत्ता में आने पर वाम-कांग्रेस गठबंधन पहला फैसला पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करेगा।

रविवार को पश्चिम त्रिपुरा जिले के खैरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रकाश करात ने कहा कि नई पेंशन योजना त्रिपुरा में तब तक लागू नहीं की गई, जब तक राज्य में वाम मोर्चा सरकार सत्ता में थी। उन्होंने कहा, "यह भाजपा ही थी जिसने 2018 में सत्ता में आने के बाद राज्य में नई पेंशन योजना शुरू की थी।"माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने कहा कि सत्ता में आने के बाद वामपंथी-कांग्रेस पहला फैसला पुरानी पेंशन योजना को वापस लाएंगे। उन्होंने कहा, "हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव जीता और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया, जैसा कि उसने वादा किया था। त्रिपुरा में, अगर वाम-कांग्रेस अगली सरकार बनाती है, तो वही किया जाएगा।"

वाम मोर्चा और कांग्रेस ने त्रिपुरा में 1.88 लाख राज्य सरकार के कर्मचारियों को लुभाने के प्रयास में पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने का वादा किया है। बता दें कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के विधानसभा चुनाव में जनता को 10 गारंटी देने का वादा किया था, जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम यानी OPS भी मुख्य वादा था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में इसे लागू कर दिया था।

करात ने भाजपा के पूर्वोत्तर राज्यों विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा-"जनवरी 2020 और दिसंबर 2022 के बीच 707 बलात्कार के मामलों के साथ राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों ने राज्य की बदनामी की है।"

माकपा नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए बड़ी रकम खर्च कर रही है। उन्होंने कहा, "भाजपा जिस तरह से पैसा खर्च कर रही है, उससे लोगों को सतर्क रहना चाहिए। हमें राज्य में लोकतंत्र बहाल करने की चाल को विफल करना चाहिए।"

करात ने यह कहते हुए कि त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य में विपक्षी गठबंधन की जीत का राष्ट्रीय प्रभाव है, कहा, “यह निश्चित रूप से लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए देशव्यापी आंदोलन को बढ़ावा देगा, जो अब खतरे में हैं।” कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और खैरपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे सीपीएम नेता पबित्रा कार ने भी रैली को संबोधित किया।

चुनाव आयोग ने 18 जनवरी को त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया था कि त्रिपुरा में 16 फरवरी और मेघालय व नागालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा। तीनों राज्यों के रिजल्ट 2 मार्च को आएंगे। त्रिपुरा के लिए नोटिफिकेशन 21 जनवरी 2023 को जारी हुआ था। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 जनवरी 2023 थी। त्रिपुरा में मतदाताओं की संख्या 28,13,478 है। विधानसभा में वर्तमान में 53 विधायक हैं। इनमें से 33 बीजेपी, 4 IPFT, 15 CPI(M) और कांग्रेस के 1 विधायक हैं। खाली सीटों की संख्या 7 है।

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