हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के शिंकुला-दारचा मार्ग पर रविवार शाम हिमस्खलन की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया।
शिमला(Shimla). हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के शिंकुला-दारचा मार्ग पर रविवार शाम हिमस्खलन(avalanche on Shinkula) की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया। जबकि लोकल मीडिया के अनुसार, हादसे में BRO के तीन लोग लापता हो गए, जिनमें से 2 के शव बरामद हो गए हैं। जानिए पूरी डिटेल्स...
अधिकारियों ने बताया कि जिले के चीका गांव में हिमस्खलन की चपेट में आने से तीन दिहाड़ी मजदूर और स्नो कटर/दर्जन बर्फ में दब गए। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के मुताबिक, नेपाल के राम बुद्ध और चंबा के राकेश के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि नेपाल निवासी 27 वर्षीय पासंग छेरिंग लामा लापता हैं और उनके बर्फ में दबे होने की आशंका है।
पुलिस, स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों वाली एक बचाव टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। रात में तापमान और दृश्यता कम होने के कारण बचाव अभियान रोक दिया गया था। बचाव अभियान सोमवार सुबह फिर से शुरू किया गया। इस हिमस्लखन से बीआरओ को बड़ा नुकसान पहुंचा है। पिछले दिनों हुए हिमपात से शिंकुला दर्रे में 4 फीट तक बर्फ जम गई थी। उसे ही बहाल करने में ये बीआरओ टीम जुटी हुई थी।
इससे पहले 12 जनवरी को हुए भारी हिमपाल के बाद लेह-लद्दाख का मनाली से सपंर्क कट गया था। उसे बहाल करने का काम चल रहा था। दरअसल, मौसम साफ होते ही कर्मचारी सफाई करने में जुट गए थे। रविवार को बीआरओ की टीम दारचा-शिंकुला मार्ग की बहाली करने में जुटी थी। बीआरओ चीफ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि हिमस्खलन की चपेट में 3 लोग आ गए थे, इनमें से दो के शव कुछ देर बाद ही मिल गए थे।
बता दें कि हिमपात और हिमस्खलन के चलते लाहौल-स्पीति जिले में हालत खराब हैं। तिंदी के पास शुक्रवार को भारी भूस्खलन से शनिवार को रास्ता बंद हो गया था। यहां बार-बार भूस्खलन व हिमस्खलन से किलाड़ के लोग परेशान हैं।
शनिवार शाम को भी तिन्दी के पास हिमस्खलन के चलते 80 राहगीर फंस गए थे। लाहौल-स्पीति पुलिस ने रात को ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बीआरओ टीम की मदद से सभी लोगों को निकाल लिया था। रविवार सुबह लोकल विधायक रवि ठाकुर ने बीआरओ के मेजर अखिल से किलाड़-तिन्दी सड़क बहाली के लिए मदद मांगी थी।
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