International Tourism Day: उत्तराखंड के चार गांवों को 'सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव' पुरस्कार के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल की घोषणा की है, जो राज्य को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए है।
International Tourism Day: 'देवभूमि' के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड एक ऐसी अद्वितीय जगह है, जो हिमालय की गोद में बसी है। यह राज्य न सिर्फ अपने नेचुरल सौंदर्य के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक धरोहर और ग्रामीण पर्यटन भी लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तराखंड के 4 गांवों को इस साल 'सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो राज्य की पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
CM पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए बताया कि जखोली (उत्तरकाशी), हर्षिल (उत्तरकाशी), सीमांत गुंजी (पिथौरागढ़) और सूपी (नैनीताल) को उनके अनूठे पर्यटन अवसरों के लिए इस पुरस्कार से नवाज़ा जा रहा है। इनमें से हर गांव की अपनी अलग-अलग खूबियां हैं, जिनकी वजह से इन्हें पुरस्कार के लिए चुना गया है।
इन 4 चार गांवों को क्यो मिला पुरस्कार?
जखोली को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया है, जबकि हर्षिल और सीमांत गुंजी को वाइब्रेंट विलेज पहल के तहत मान्यता मिली है। सूपी गांव को कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित इस एनुअल कंपटीशन का उद्देश्य उन गांवों को इनसेंटिव देना है, जो लोकल कल्चर, नेचुरल हेरिटेज और कम्युनिटी बेस्ड वैल्यू को संरक्षित करने में योगदान देते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने की ग्रामीणों के मेहनत की सराहना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों की कड़ी मेहनत और कंट्रीब्यूशन की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट के रूप में स्टेबिलिस्ट करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उत्तराखंड अपने बर्फीले पहाड़ों, झीलों, हरी-भरी घाटियों और पवित्र मंदिरों के लिए मशहूर है और यह इक्साइटिंग एक्सपीरियंस से भरपूर है। यहां की नेचुरलटी देखने योग्य होती है। कभी यूपी का हिस्सा रहे उत्तराखंड में पर्यटकों को यहां की नेचुरल ब्यूटी काफी आकर्षित करती है।
ये भी पढ़ें...
राजस्थान का स्वर्ग सा दिखने वाला शहर, जानें क्या है इसकी ब्यूटी की वजह
काशी में देव दीपावली की अलौकिक छटा: 12 लाख दीपों से जगमगाएंगे घाट