उत्तराखंड यूससी बिल की रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को भेज दी गई है। इसमें रिपोर्ट में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
देहरादून। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक की रिपोर्ट को कमेटी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। विधेयर में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा कदमा उठाया गया है। बिल में लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर 2500 रुपये तक का जुर्माना या फिर 6 महीने की जेल हो सकती है। खास बात ये भी है कि लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार लड़के-लड़की के माता-पिता को भी इसकी जानकारी देगा कि वे दोनों साथ रह रहे हैं।
सोमवार को विधेयक पर होगी चर्चा
इस प्रपोस्ड बिल पर सोमवार को विधानसभा सत्र में सोमवार को चर्चा की जाएगी। रिलीज से पहले इस बिल को लेकर कई तथ्यों को सार्वजनिक नहीं किया गया है सीएम का कहना है कि यूसीसी का मसौदा मिल चुका है और सरकार इस पर विचार और जांच के बाद ही इसे लागू करेगी।
यूसीसी बिल में कई मुद्दे
यूससी बिल को लेकर सीएम को भेजी गई रिपोर्ट में कई गंभीर मुद्दों को लेकर निर्णय लिए जाएंगे। चर्चा है कि बिल में लिव-इन रिलेशनशिप, शादी और तलाक की ड्राफ्टिंग करने को लेकर प्रावधान तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही हलाला पर प्रतिबंध और बिना रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लोगों ने सरकार को इस वादे के साथ चुना है कि वह राज्य में यूसीसी लागू करेगी और सरकार इसे लागू करने से पहले मसौदे की समीक्षा करेगी। कहीं कोई लूप होल नजर आता है तो फिर से उसपर विचार होगा।
यूसीसी के तैयार बिल में ये प्रावधान