तमिलनाडु पुलिस ने बिहार के एक पत्रकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों(migrant workers) पर कथित हमलों के बारे में वायरल एक वीडियो को फर्जी बताया है। इसी मामले में पुलिस ने Opindia.com के खिलाफ भी एक्शन लिया है।
चेन्नई/नई दिल्ली. तमिलनाडु पुलिस ने बिहार के एक पत्रकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों(migrant workers) पर कथित हमलों के बारे में वायरल एक वीडियो को फर्जी बताया है। इसी मामले में पुलिस ने Opindia.com के खिलाफ भी एक्शन लिया है। बता दें कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले को लेकर सोशल मीडिया वीडियो वायरल किए जा रहे थे। इससे न सिर्फ मजदूरों में दहशत फैल गई थी, बल्कि बिहार के ये मजदूर दक्षिणी राज्य छोड़ने लगे थे। इसे लेकर राजनीति भी गर्मा गई थी।
पहले जानिए पूरी डिटेल्स..
तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, मनीष कश्यप द्वारा ट्वीट किया गया वीडियो फर्जी है। मनीष माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट पर खुद को पब्लिक फिगर" और पत्रकार के रूप में शो करते हैं। वीडिया में कुछ पुरुषों को चेहरे पर बैंड-एड के साथ दिखाया गया था। वे बात कर रहे थे कि कैसे उन पर हमला किए जाने के बाद वे घर लौट आए। हालांकि इनमें से एक पुरुष बात करने से पहले ही हंस पड़ा था। वीडियो का जिक्र करते हुए तमिलनाडु पुलिस ने ट्वीट किया कि यह घटना उनके राज्य में नहीं हुई। पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ एक्शन लिया है।
Opindia.com के खिलाफ भी FIR
तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के बीच फर्जी खबरें फैलाने और उनमें डर पैदा करने के आरोप में तमिलनाडु की वाडी पुलिस ने न्यूज पोर्टल 'ओपइंडिया डॉट कॉम' के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह शिकायत सत्तारूढ़ डीएमके के आईटी विंग के एक सदस्य ने लिखवाई है। इसके अनुसार, वेबसाइट के सीईओ राहुल रुसन और संपादक नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों' की खबरों को खारिज करते हुए डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने 6 मार्च को कहा था कि स्थिति शांतिपूर्ण है और श्रमिकों ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि कथित 'हमलों' के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो फर्जी थे और उनमें से ज्यादातर तमिलनाडु में हुए ही नहीं थे। डीजीपी ने बताया था कि जिलों में विशेष हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए गए हैं, ताकि लोगों को अगर कोई शिकायत हो तो, वे कर सकें। हालांकि उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर एक भी शिकायत नहीं आई है।
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