
जमशेदपुर. सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप( WhatsApp group to hurt religious sentiments) बनाने के आरोप में पुलिस ने यहां तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जमशेदपुर के शास्त्रीनगर इलाके में एक धार्मिक झंडे के कथित अपमान को लेकर रविवार(9 अप्रैल) को दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी।
बिष्टुपुर थाने के प्रभारी अंजनी कुमार ने बताया कि पुलिस ने अपने टेक्निकल सेल की मदद से पता लगाया कि बुधवार की रात कुछ लोगों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है और एक विशेष धर्म की धार्मिक भावना को आहत करने की साजिश रची है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस टेक्निक सेल ने व्हाट्सएप ग्रुप की जांच की और ग्रुप एडमिन और ग्रुप के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया, जो शहर के धतकीडीह हरिजन भाटी इलाके के निवासी हैं। अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
जमशेदपुर शहर में निषेधाज्ञा लागू( prohibitory order) यानी धारा 144 लागू होने के बावजूद स्थिति सामान्य हो रही है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के अनुसार, अब स्थिति बिल्कुल सामान्य है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।हर में रविवार को लगाई गई निषेधाज्ञा अब भी लागू है।
धार्मिक झंडे पर मांस के टुकड़े की अफवाह
एसएसपी प्रभात कुमार ने इस बात से इनकार किया कि मांस के एक टुकड़े पर धार्मिक झंडा लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा एक धार्मिक झंडे के अपमान के बारे में अफवाह फैलाई गई, जिसके परिणामस्वरूप यहां शास्त्रीनगर इलाके में विभिन्न समुदाय के दो समूहों के बीच झड़प हो गई। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक में मांस का एक टुकड़ा एक तार में थोड़ा ऊंचा लटका हुआ था, जो पहले से ही एक रस्सी से रस्सी से बंधे धार्मिक झंडे को सहारा देने के लिए बंधा हुआ था।
एसएसपी ने कहा कि मांस के टुकड़े को ऊंचाई पर लटका दिया गया था ताकि आवारा कुत्तों को इलाके में इधर-उधर न फेंका जा सके और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। कुमार ने कहा कि पुलिस धार्मिक झंडे के कथित अपमान पर कानून व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार दोषियों को गिरफ्तार करना जारी रखेगी। हिंसा के सिलसिले में भाजपा के दो नेताओं सहित कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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