
हजारीबाग। हजारीबाग जिले के चरही इलाके में डीएफओ-रेंजर अपने दल-बल के साथ कोयला तस्करों के ठिकानों पर छापा मारने पहुंचे। अफसर बीच रास्ते में ही थे कि तभी तस्करों को यह जानकारी मिल गई। वह सतर्क हो गए। तस्करों के ठिकाने पर पहुंची टीम ने अवैध कोयले से लदी एक गाड़ी अपने कब्जे में ले ली और वह उसे लेकर निकलने ही वाले थे कि तस्करों ने फॉरेस्ट रेंजर की गाड़ी पर लाठी-डंडो और पत्थरों से हमला कर दिया। अफसर जान बचाकर भागे। पुलिस को सूचना दी गई, जो दो घंटे बाद मौके पर पहुंची।
एसपी और एसओ को सूचना देकर इंतजार करती रही टीम
डीएफओ नीतेश कुमार ने हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक और चरही थानाध्यक्ष को तस्करों के हमले की जानकारी दी और छापा मारने गई टीम पुलिस फोर्स के आने का इंतजार करने लगी। पर काफी देर बीत जाने के बाद भी जब पुलिस की सहायता नहीं पहुंची। तब डीएफओ ने सदर एसडीओ को मामले की जानकारी दी। उन्होंने सीओ शशिभूषण सिंह ने चरही थानाध्यक्ष से तुरंत पुलिस फोर्स भेजने के लिए कहा। वन विभाग की टीम को पुलिस टीम के इंतजार में ही दो घंटे बीत गए। तस्करों के हमले के दो घंटे बाद पुलिस की सहायता मौके पर पहुंची। तब जाकर अफसरों के जान में जान आई। पर तब तक तस्कर कोयले से लदी अवैध गाड़ी लेकर फरार हो गए थे।
क्या है मामला?
रामगढ़ के डीएफओ नीतेश कुमार को अवैध कोयला तस्करी की जानकारी मिली थी। उन्होंने तस्करों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया और बीती 10 अप्रैल को रात 10 बजे टीम छापेमारी के लिए तस्करों के ठिकाने की तरफ चल दी। सरकारी वाहन देख तस्करों के गुर्गों ने उन्हें सतर्क कर दिया। इसका साइड इफेक्ट यह हुआ कि जब टीम तस्करों के ठिकानों पर पहुंची और वहां अवैध कोयले से लदी एक गाड़ी अपने कब्जे में लेकर निकलने ही वाली थी कि पहले से सतर्क तस्करों के गुर्गों ने अफसरों के वाहनों पर पत्थरों से हमला कर दिया। लाठी-डंडे चलाकर मांडू रेंजर की गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी। विभागीय अधिकारी अपने दल-बल के साथ जान बचाने के लिए भाग निकले। उसके बाद डीएफओ ने मदद के लिए पुलिस को जानकारी दी थी। पर उसके बाद भी मौके पर पुलिस फोर्स पहुंचने में समय लग गया। तब तक विभागीय पदाधिकारियों की सांस गले में ही अटकी रही। पर जब तक पुलिस पहुंचती कोयला तस्कर गाड़ी लेकर फरार हो गए।
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