81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा द्वारा किसी भी खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए अपने विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना भेज दिया था।
झारखंड। झारखंड में हेमंत सोरेन के गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं। इसके बाद आज झारखंड में चंपई सोरेन सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट करना पड़ेगा. बता दें कि 81 झारखंड सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा द्वारा किसी भी खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए अपने विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना भेज दिया था।
झारखंड की राजनीतिक घटनाक्रम
झारखंड में गठबंधन पार्टियों पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि कुछ विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया था, जिसे विपक्ष ऑपरेशन लोटस कहता है।
81 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 विधायक हैं, जहां बहुमत का आंकड़ा 41 है। वर्तमान में 43 विधायक चंपई सोरेन का समर्थन कर रहे हैं।
बीजेपी के पास 25 विधायक हैं और आजसू यानी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के पास तीन विधायक हैं. राकांपा और एक वामपंथी दल के पास एक-एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं।
गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया था कि वह एक बड़ी साजिश का निशाना हैं। इसके बावजूद उनकों विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय की कड़ी आपत्तियों के बावजूद रांची की एक विशेष अदालत ने इसकी अनुमति दे दी है।
आगामी आम चुनाव से पहले सरकार की सुरक्षा के लिए सत्तारूढ़ विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया। राज्य मंत्री आलमगीर आलम ने आज शाम हैदराबाद से लौटने पर संवाददाताओं से कहा, "हमारे विधायक एकजुट हैं... हमारे पास 48 से 50 विधायकों का समर्थन है।"
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, झामुमो विधायक मिथिलेश ठाकुर ने दावा किया कि पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन विश्वास मत के माध्यम से आगे बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया, ''राज्य में कई भाजपा विधायक भी गठबंधन के समर्थन में हैं।''
भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि गठबंधन का विश्वास मत हारना तय है।
चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद को हेमंत सोरेन के शीर्ष पद से हटने के 24 घंटे बाद 2 फरवरी को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलाई।
हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री से बुधवार सुबह पूछताछ की गई थी। हालांकि, वो टालमटोल कर रहे थे।
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