झारखंड के दुमका में एक स्कूल में पैरेंट्स अपने बच्चों को नहीं भेज रहे हैं, क्योंकि पैरेंट्स व बच्चों को स्कूल में कथित रूप से भूत होने की आशंका सता रही है। मजबूरन एक खपरैल के घर में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
दुमका। झारखंड के दुमका में एक स्कूल में पैरेंट्स अपने बच्चों को नहीं भेज रहे हैं, क्योंकि पैरेंट्स व बच्चों को स्कूल में कथित रूप से भूत होने की आशंका सता रही है। मजबूरन एक खपरैल के घर में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में भी मात्र एक ही शिक्षक कार्यरत है।
अध्यक्ष के घर पर बच्चों को पढ़ा रहे टीचर
मामला आसनबेड़िया पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटूडीह का है। उसमें पढ़ने वाले बच्चों को पैरेंट्स पढ़ाई करने के लिए नहीं भेज रहे हैं। एक हफ्ते से ऐसा हो रहा है। स्कूल अब विद्यालय प्रबंधन समिति(एसएमसी) के अध्यक्ष के घर में चलाया जा रहा है। स्कूल में कार्यरत सहायक अध्यापक सरेंद्र टुडू अध्यक्ष के घर में ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
क्या है मामला?
उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटूडीह की स्थापना वर्ष 2002 में हुई थी। धसनियां शैक्षणिक अंचल के तहत आने वाले इस स्कूल में कुल 30 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल का भवन भी है। पिछले कुछ समय से स्कूल में काम करने वालों की मौतें हो गईं। एक शिक्षक बाबुधन मुर्मू की वर्ष 2019 में बीमारी की वजह से मौत हो गई। उनकी मौत के बाद उनका बेटा स्कूल में पढ़ा रहा था। उसकी भी बीमारी की वजह से मौत हो गई। कुछ समय गुजरा था कि रसोइया छातामुनी मुर्मू की भी मौत हो गई। स्कूल में कार्यरत लोगों की लगातार मौतों के बाद ग्रामीण किसी अनहोनी की आशंका से डर गए। ग्रामीणों के बीच इस भ्रांति ने घर बना लिया कि स्कूल में कार्यरत लोगों की मौत हो जाती है। यह सब चल ही रहा था कि इसी बीच स्कूल के एक और टीचर बीमार पड़ गए। बस, उसके बाद ग्रामीणों ने अपने बच्चों को किसी अनहोनी की आशंका की वजह से स्कूल भेजना बंद कर दिया।
शिक्षा अधिकारी ने समझाया
मंगलवार को जब जिला शिक्षा अधिकारी दीपक राम स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे तो देखा कि स्कूल भवन में ताला पड़ा था। जानकारी के बाद पता चला कि स्कूल विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के घर पर चल रहा है। दीपक राम ने वहां जाकर बच्चों से बात की। उन्हें भरोसा दिलाया कि यह सिर्फ भ्रांति है, सच नहीं है। यह घटनाएं सिर्फ संयोगवश घटित हुई हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षा अधिकारी के दौरे के बाद बुधवार से स्कूल के भवन में ही पढ़ाई होगी।