
रांची. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को वे चंपाई सरकार के बहुतम परीक्षण में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी देश के लोकतंत्र के लिए काली रात है। आपको बतादें कि सोमवार को उनके द्वारा दायर की गई याचिका पर कोई राहत नहीं मिली है। अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
12 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
दरअसल पूर्व सीएम द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका के माध्यम से उन्हें कोर्ट ने किसी प्रकार की राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनके द्वारा की गई याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है। जो 9 फरवरी को दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके बाद अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
31 जनवरी की काली रात, बाबा साहेब को भी बदलना पड़ा धर्म
आपको बतादें कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। सोमवार को हेमंत सोरेन चंपई सरकार बहुमत परीक्षण में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आदिवासी कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी की रात काली रात है। इस रात को पहली बार किसी सीएम की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है। जिस तरह से ये घटना हुई है। उससे मैं खुद भी हैरान हूं। क्योंकि जिस आदिवासी वर्ग से मैं आता हूं। उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की तैयारी योजनाबद्ध तरीके से चल रही है। इसलिए ऐसा लगता है कि बाबा भीमराव आंबेडकर का जो सपना था सभी जाति धर्म के लोगों के बीच बराबरी हो, वह संभव नहीं है। जिस तरह बाबा साहब को अपना समाज छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा, ऐसा ही दलित, आदिवासी अल्पसंख्यक के साथ आनेवाले समय में करने की तैयारी दिख रही है।
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