रांची न्यूज: झारखंड में आपराधिक मामलों में शामिल लोगों को अब अलग-अलग थानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। झारखंड पुलिस ने ऐसी व्यवस्था लाने की योजना बनाई है, जिसके तहत एक ही भवन में महिला थाना, साइबर थाना, एसटी/एससी थाना और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। इससे मामलों से संबंधित एफआईआर दर्ज करना आसान हो जाएगा।
राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर एक थाना किसी जिले के एक छोटे हिस्से के लिए होता है, लेकिन महिला थाना, साइबर थाना, एसटी/एससी थाना और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का क्षेत्राधिकार पूरे जिले का होता है। इन थानों में पूरे जिले से संबंधित अपराधों की एफआईआर दर्ज होती है। अब इन चारों थानों को एक ही जगह लाने की योजना बनाई जा रही है।
डीजीपी ने बताया कि झारखंड में अभी थाने तो स्थापित हैं, लेकिन संसाधनों और भवनों की स्थिति ठीक नहीं है। इस समस्या के समाधान के लिए गृह सचिव और एडीजी प्रोविजन से विशेष चर्चा की गई है। योजना के तहत इन चारों थानों को एक ही भवन में शिफ्ट किया जाएगा। संसाधनों के बेहतर उपयोग और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
नई व्यवस्था सबसे पहले उन जिलों में लागू की जाएगी, जहां आपराधिक मामले ज्यादा हैं। इनमें रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, देवघर, धनबाद और बोकारो जैसे जिले शामिल हैं। इन जगहों पर पहले संयुक्त भवन बनाए जाएंगे।
इस पहल से उन लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें अलग-अलग मामलों के लिए कई थानों का चक्कर लगाना पड़ता था। अब चारों थाने एक ही जगह होने से एफआईआर दर्ज करना आसान होगा और मामलों पर तुरंत कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी।
झारखंड पुलिस की यह पहल नागरिकों के लिए सुविधाजनक और आपराधिक मामलों के त्वरित निपटारे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। राज्य के नागरिक जल्द ही एक ही जगह पर चार थानों की सेवाएं ले सकेंगे।
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