फिर ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 मजदूर, बंधुआ मजदूर की तरह जीन के लिए किया जा रहा मजबूर

राज्य के 36 मजदूर मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। ये मजदूर जिस कम्पनी के लिए काम करने गए थे। उसने इन मजदूरों का पासपोर्ट जब्त कर लिया है और कई महीनों से उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है।

Contributor Asianet | Published : Feb 14, 2023 6:17 AM IST

हजारीबाग। राज्य के 36 मजदूर मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। ये मजदूर जिस कम्पनी के लिए काम करने गए थे। उसने इन मजदूरों का पासपोर्ट जब्त कर लिया है और कई महीनों से उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है। मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है। इसकी आधिकारिक पुष्टि की गयी है।

अच्छे वेतन का किया गया था वादा

अधिकारियों का कहना है कि सभी मजदूर बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिलों के रहने वाले हैं और पिछले वर्ष 19 दिसंबर को ताजिकिस्तान के लिए रवाना हुए थे। देश में मौजूद एक फर्म के एजेंट के द्वारा उनको अच्छा वेतन का वादा किया गया था।

सोशल मीडिया के माध्यम से सुनाया दुखड़ा

ताजिकिस्तान में फंसे हुए मजदूरों ने अपने परिजनों को हो रही दिक्कतों के बारे में जानकारी दी। सोशल मीडिया के माध्यम से मजूदरों ने अपना दुखड़ा सुनाया है। उनका कहना है कि उन्हें भोजन भी सही से नहीं मिल पा रहा है। सैलरी भी नहीं दी जा रही है। कम्पनी ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है।

बंधुआ मजदूर की तरह जीने लिए किया जा रहा मजबूर

हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने इस प्रकरण पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें ताजिकिस्तान में फंसे हुए मजदूरों के परिजनों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उसके मुताबिक नौकरी के लिए विदेश गए लोगों को बंधुआ मजदूरों की तरह जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को यह सूचना दी गयी है, ताकि वह मजदूरों की वतन वापसी के रास्ते तलाशे।

दिसम्बर में 44 मजदूरों की हुई थी वापसी

पिछले दो महीनों में यह दूसरा मामला है। जब झारखंड के मजदूरों के ताजिकिस्तान में फंसने का मामला सामने आया है। दिसम्बर के महीने में 44 मजदूरों की काफी मशक्कत के बाद सकुशल देश वापसी हुई थी।

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