
जमशेदपुर। पिता ने कर्ज लिया, समय से अदा नहीं कर पाएं तो पैसे देने वालों ने तंग करना शुरु कर दिया। परेशान होकर पिता गांव चले गए और कर्ज मांगने वालों से कह दिया कि उनका बेटा कर्ज अदा करेगा। 17 साल के बेटे ने पिता का कर्ज भरने के लिए एक दुकान पर नौकरी की। पर वह भी नाकाफी रहा। पैसा मांगने वालों का दबाव इतना बढा कि लड़के ने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला लिया और फांसी पर लटक गया। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि सच है।
कर्ज न चुका पाए पिता तो चले गए पैतृक गांव
यह जमशेदपुर के मानगो रोड नम्बर-15 के रहने वाले शत्रुधन सिंह और उनके 17 वर्षीय बेटे दीपक की रियल लाइफ की घटना है। शत्रुधन एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते थे। उन्होंने किसी से लोन लिया था। पर लोन के पैसे अदा नहीं कर पा रहे थे। लोन देने वालों ने जब उनकी कम्पनी में तगादा किया तो वहां बवाल हो गया। शत्रुधन सिंह को काम छोड़ना पड़ा। उस लोन को चुकता करने के लिए शत्रुधन ने कई और लोगों से पैसे लिए। फिर, लोगों का पैसों की वसूली के लिए उन पर दबाव बढता गया। एक दिन यह दबाव इतना ज्यादा बढ गया कि उन्होंने शहर छोड़ने का फैसला लिया और बोड़ाम स्थित अपने पैतृक गांव चले गए।
कम उम्र में कर्ज की चक्की में फंस गया दीपक
पैसा मांगने वालों ने जब उनसे फोन पर पूछा कि उनका पैसा कब मिलेगा तो उन्होंने कहा कि उनके कर्ज की अदायगी अब उनका बेटा करेगा। 17 साल का दीपक कम उम्र में ही पिता के लिए गए कर्ज की चक्की में फंस गया। कर्ज चुकाने के लिए उसने एक बर्तन की दुकान में नौकरी कर ली।
दुकान से मिले पैसों से चुकाता था ब्याज
दुकान से उसे जो भी पैसे मिलते थे, उनसे वह कर्ज का ब्याज चुकता कर रहा था। उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि एक सप्ताह से वह ज्यादा परेशान था। उस पर पैसों की वापसी का दबाव बढ गया था। दो ब्याज पर पैसा देने वाले कारोबारियों ने उसे पैसे अदा न करने की स्थिति में मकान पर ताला मारने की धमकी दी थी। कुछ दिनों से उसके घर पर लोगों का आना जाना भी शुरु हो गया था।
फंदे से लटकी थी लाश
बताया जा रहा है कि वह इतना परेशान था कि शुक्रवार की शाम को बिना कुछ खाए अपने कमरे में गया। शनिवार सुबह परिजनों ने उसके कमरे का दरवाजा खुला देखा। जब वह लोग कमरे के अंदर गए तो देखा कि दीपक की लाश फंदे में लटकी थी। तब, पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
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