रांची में अब्दुल बारी और एमडी शफीक को इस्लाम नगर में फ्लैट की चाबी सौंपी गई, जिसके बाद उन्होंने 13 साल पहले की घटना को याद किया और कहा कि अब वे स्थायी आवास में चैन की नींद सो सकेंगे। यहां के लोग 2011 में घर तोड़ने की घटना के बाद बेघर हुए थे।
रांची। इस्लाम नगर में फ्लैट की चाबी अब्दुल बारी और एमडी शफीक को आज सौंप दी गई। दोनों व्यक्ति उस घटना को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं जो छह और सात अप्रैल 2011 को हुई थी। उस दिन अचानक सुबह-सुबह पुलिस की टीम इस्लाम नगर पहुंची और सभी से कहा गया कि उन्हें 15 मिनट में अपने घर खाली करने होंगे। जब उन्होंने समय मांगा, तो पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई समय नहीं दिया जाएगा। जैसे ही उन्होंने सामान निकालना शुरू किया, जेसीबी आकर घर को तोड़ने लगी। केवल 10 मिनट में पूरा घर गिर गया। इस घटना के बाद से, वे झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हो गए थे।
फ्लैट की चाभी मिलने पर खुश नजर आए लोग
फ्लैट की चाबी मिलने के बाद अब्दुल बारी और एमडी शफीक बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि जब उनका घर टूट गया था, तब शहर में रहने का कोई ठिकाना नहीं था। नतीजतन, उन्होंने इस्लाम नगर में झोपड़ी बना ली थी। अब, फ्लैट की चाबी पाकर वे महसूस कर रहे हैं कि वे भी एक सुरक्षित छत के नीचे चैन की नींद सो सकते हैं।
लोगों ने कहा 1000 के बदले अभी मिले सिर्फ 291 लोगों को घर
कार्यक्रम में इस्लाम नगर के कई बेघर लोग शामिल हुए थे। निवर्तमान वार्ड पार्षद नाजिमा रजा ने कहा कि इस्लाम नगर में एक हजार से अधिक घर तोड़े गए थे, लेकिन केवल 291 लोगों को ही फ्लैट मिले हैं। ऐसे में कई लोग अब भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस्लाम नगर में बाकी लोगों के लिए और फ्लैट बनाएं, क्योंकि यहां जमीन की कोई कमी नहीं है और आराम से फ्लैट बनाए जा सकते हैं। जिससे बाकी बचे लोगों को भी आशियाना मिल सकेगा और लोग अपने घरों में रह सकेंगे।
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