झारखंड: महिला योजनाओं पर घमासान, FIR की नौबत...CM हेमंत का एक्शन...जानें क्यों?

झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सरकार की मंइयां योजना और भाजपा की गोगो दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक लाभ देने की होड़ मची है। जानिए इस राजनीतिक घमासान की पूरी कहानी।

रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महिलाओं को आर्थिक लाभ देने की होड़ शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंइयां योजना, जिसमें महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सम्मान राशि दी जाती है, को चुनौती देते हुए भाजपा ने गोगो दीदी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत भाजपा ने वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे।

महिलाओं को रिझाने की होड़

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भाजपा कार्यकर्ता पहले से ही महिलाओं से फॉर्म भरवा रहे हैं, जिससे वे गोगो दीदी योजना का लाभ उठा सकें। इस पर झामुमो ने आपत्ति जताई है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा फॉर्म भरवाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

चुनाव आयोग के आदेश की धज्जियां उड़ा रही BJP: झामुमो

इससे पहले झामुमो ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए भाजपा के साथ ही चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। इस पोस्ट में कहा गया कि भाजपा लगातार चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है और चुनाव आयोग सो रहा है। भाजपा को नियम तोड़ने की विशेष छूट है क्या? यह भी तंज कसा गया कि इतनी छूट के बाद भी भाजपा लोकसभा चुनाव में 240 सीटें ही ला पाई।

चुनाव आयोग का नियम

चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव से पहले किसी भी राजनीतिक दल द्वारा प्रलोभन की योजना के लिए फॉर्म भरवाना अवैध है। झामुमो का आरोप है कि भाजपा इस नियम का उल्लंघन कर रही है और चुनाव आयोग निष्क्रिय बना हुआ है। इसके विपरीत भाजपा ने झामुमो की प्रतिक्रिया को 'बौखलाहट' बताया और कहा कि उनका फॉर्म भरवाने का अभियान जारी रहेगा।

भाजपा का पलटवार

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि हेमंत सोरेन जनता के बढ़ते समर्थन से डर गए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए गोगो दीदी योजना के माध्यम से ठोस कदम उठा रही है और इस योजना को बाधित करने के झामुमो के प्रयासों का कोई असर नहीं होगा।

कानूनी कार्रवाई पर राजनीतिक बयानबाजी

इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराए जाने के निर्देश पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया है। भाजपा ने साफ कर दिया है कि वे अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे कितनी भी कानूनी कार्रवाई क्यों न हो।

 

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