रांची न्यूज: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार देर शाम निधन हो गया। उनके निधन पर पूरे देश में शोक का माहौल है। वहीं, कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूर्व पीएम के निधन पर 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
आपको बता दें कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से जुड़ी यादें देश के लगभग हर राज्य से जुड़ी हुई हैं। इसी क्रम में झारखंड से भी उनका गहरा नाता रहा है। दरअसल, दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रिश्तेदार झारखंड की राजधानी रांची में भी हैं। दरअसल, रांची में उनके छोटे भाई की बेटी जसलीन की शादी हुई है। मनमोहन सिंह जसलीन के मामा थे। परमजीत सिंह भसीन की बहू जसलीन ने उनके निधन पर काफी दुख जताया है।
वर्ष 1992 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब वे धुर्वा स्थित तिरिल आश्रम, छोटानागपुर खादी ग्रामोद्योग संस्थान आए थे। खादी पर राष्ट्रीय सेमिनार हुआ था। मनमोहन सिंह के ठीक पीछे खादी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जयनंदू बैठे हैं। जयनंदू ने कहा कि मेरी संस्था कस्तूरबा खादी ग्रामोद्योग है। तब वे सचिव थे। रांची में उनका भव्य स्वागत हुआ। वे स्वागत से अभिभूत थे। स्कूली बच्चों से भी वे बहुत खुलकर मिले। उस समय भी वे बहुत शांत लग रहे थे। उनका स्वभाव शांत था और वे बातों को गंभीरता से सुनते थे।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है। सीएम हेमंत सोरेन ने लिखा कि आज देश ने अपना एक महान सपूत खो दिया है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री आदरणीय श्री मनमोहन सिंह जी के निधन की खबर बहुत दुखद है।
2005 के विधानसभा चुनाव में पहली बार वे जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस प्रत्याशी रामाश्रय प्रसाद के लिए प्रचार करने साकची स्थित आम बागान मैदान पहुंचे थे। इसके अलावा वे टाटा स्टील के शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए थे।
इस दौरान उन्होंने न सिर्फ टाटा स्टील की भावी योजनाओं की आधारशिला रखी, बल्कि बरगद का पौधा भी लगाया। समारोह की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बरगद का पौधा लगाने से हुई, जिसे जमशेदपुर के नागरिकों को समर्पित किया गया। यह वैसा ही था जैसा भारत के प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने 1958 में टाटा स्टील की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया था।
कांग्रेस नेता रामाश्रय प्रसाद कहते हैं कि जब प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उनके लिए प्रचार करने आए थे, तो कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह था। कार्यकर्ता लगातार उनके नाम के नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम समाप्ति के बाद एसपीजी के रोकने के बावजूद प्रधानमंत्री भीड़ के पास गए और कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया।