रात 10 बजे के बाद डीजे बजा तो खैर नहीं, मैरिज व बैंक्वेट हॉलों का लाइसेंस होगा रद्द

रात के समय सड़कों व आवासीय इलाकों में तेज आवाज में डीजे बजाने का नगर निगम प्रशासन ने संज्ञान लिया है और तय किया है कि यदि रात में दस बजे के बाद किसी भी समारोह में डीजे या तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर गाना बजते पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Contributor Asianet | Published : Feb 1, 2023 8:32 AM IST / Updated: Feb 01 2023, 02:03 PM IST

रांची। राजधानी में रात के समय सड़कों व आवासीय इलाकों में तेज आवाज में डीजे बजने से लोगों को परेशानी होती है। नगर निगम प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया है और तय किया है कि यदि रात में दस बजे के बाद किसी भी समारोह में डीजे या तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर गाना बजते पाया गया तो संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी गतिविधियों में शामिल मैरिज व बैंक्वेट हॉल का लाइसेंस भी निरस्त होगा। इतना ही नहीं साउंड सिस्टम भी जब्त होंगे और जुर्माना भी लगाय जाएगा।

मैरिज हाॅल संचालकों काे नोटिस जारी

अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन के मुताबिक इस सिलसिले में राजधानी के सभी मैरिज और बैंक्वेट हाॅल संचालकों काे नोटिस जारी किया गया है। उसमें कहा गया है कि समारोहों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जाता है। जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है। इस बाबत आम लोग रात के समय अक्सर शिकायत करते रहते हैं कि उनके पड़ोस में तेज ध्वनि पर लाउडस्पीकर या डीजे बजाया जा रहा है।

बुजुर्ग-बीमार पड़ सकते हैं बीमार

रात दस बजे के बाद का समय ऐसा होता है, जब आवासीय इलाको में बुजुर्ग व बीमार लोग सो रहे होते हैं। ध्वनि प्रदूषण की वजह से उनकी सेहत बिगड़ सकती है। इसको देखते हुए डीजे और लाउडस्पीकर की तेज ध्वनि पर रोक लगायी गयी है। इस नियम का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। ध्वनि की तीव्रता का भी एक पैमाना है। मैरिज हाल संचालकों को उन मानकों का पालन करना होगा।

लाइसेंस लेने के लिए बनी है गाइडलाइन

जानकारी के मुताबिक रांची शहर में 170 से अधिक मैरिज हॉल व बैंक्वेट हॉल हैं। उनमें से सिर्फ 31 मैरिज और बैंक्वेट हाल के पास लाइसेंस है। शेष धर्मशाला संचालक बिना लाइसेंस के ही ऐसी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। शहर में पांच हजार से अधिक लॉज—हॉस्टल हैं। उनमें से सिर्फ 135 लॉज—हॉस्टल ने ही नगर निगम से लाइसेंस लिया है। बाकी लॉज-हॉस्टल का संचालन अवैध है। ऐसे लॉज व हॉस्टलों में गाइडलाइन के मुताबिक व्यवस्था नहीं होती है, जबकि लॉज व हॉस्टल संचालन के लिए नगर निगम द्वारा नियमावली तैयार की गयी है। उसमें भवन का नक्शा, गार्ड, सीसीटीवी, पार्किंग, वेंटिलेशन आदि की व्यवस्था होना जरुरी है।

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