झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में महिला की लाश की आंखों से आंसू टपकने का मामला मीडिया की सुर्खियों में है। शरीर से पसीना भी टपकने लगा था। यह देखकर लोग उसे फिर से अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पूर्वी सिंहभूम. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में महिला की लाश की आंखों से आंसू टपकने का मामला मीडिया की सुर्खियों में है। पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे घाटशिला अनुमंडल में महिला की मौत के एक दिन बाद जब उसके अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं, तभी लोगों की नजर आंखों से बहते आंसुओं पर पड़ी। शरीर से पसीना भी टपकने लगा था। यह देखकर लोग उसे फिर से अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में 4 मई को महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने उसकी मौत के लिए डॉक्टरों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था। बाद में लोग शव को घर लेकर आ गए। अचानक उन्होंने देखा कि शव की आंखों से आंसू बह रहे हैं। शरीर से पसीना भी टपक रहा है। इसके बाद वे शनिवार को फिर सुवर्णरेखा अस्पताल पहुंचे। हालांकि डॉक्टरों ने चेकअप के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया।
घाटशिला थाना क्षेत्र के सांढ़पुरा निवासी 30 वर्षीय फूलमनी मुर्मू को जॉन्डिस(पीलिया) हुआ था। उसे 4 मई को सुवर्णरेखा नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया था। यहां से उसे डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल में ले जान की सलाह दी थी। परिजन उसे लेकर अनुमंडल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। फूलमनी के पति विराम ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया और लाश को घर पहुंचाया।
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शंकर टुडू ने कहा कि महिला की मौत कैसे हुई, यह पता नहीं है। कहा जा रहा है नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उसने दोपहर में खाना खाया। इसके बाद उसे ठंड लगी, तो परिजनों ने दवा दी। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई।
पति ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया था। इस पर डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल में ले जाकर टेस्ट कराने की सलाह दी थी। महिला के परिजनों ने जिला परिषद सदस्य को अस्पताल बुला लिया। बाद में समझाइश के बाद परिजन लाश का घर ले जाने के लिए तैयार हुए।
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