जिसने कभी लाख नहीं देखे, उसे मिला 314 करोड़ का नोटिस - बैतूल का चौंकाने वाला मामला

Published : Apr 09, 2025, 03:22 PM ISTUpdated : Apr 09, 2025, 03:25 PM IST
Betul Labour Tax Notice

सार

बैतूल के एक गरीब मजदूर चंद्रशेखर को आयकर विभाग ने 314 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा, जिससे परिवार में मचा हड़कंप। जांच में सामने आई बैंक खाते और जमीन की गड़बड़ी। 

Betul Labour Tax Notice: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक दिहाड़ी मजदूर को 314 करोड़ रुपये की आयकर देनदारी का नोटिस थमा दिया गया। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़ की मासिक आमदनी मुश्किल से ₹6,000 है, लेकिन अचानक इस नोटिस ने उनकी पूरी दुनिया को झकझोर दिया।

बैतूल के मुलताई नगर पालिका से जुड़ा है मामला

मामला तब सामने आया जब महाराष्ट्र के आयकर विभाग ने बैतूल के मुलताई नगर पालिका से चंद्रशेखर के नाम दर्ज संपत्ति की जानकारी मांगी। जांच के दौरान पालिका ने पाया कि जिस जमीन के आधार पर नोटिस भेजा गया, वो वास्तव में किसी मनोहर हरकचंद नामक व्यक्ति के नाम पर दर्ज है।

मजदूर की आमदनी ₹300 रोज, लेकिन नोटिस करोड़ों का! 

चंद्रशेखर, जो गांधी वार्ड में किराए के छोटे मकान में रहते हैं, मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें जब आयकर विभाग का नोटिस मिला, तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उन्हें सपने में भी करोड़ों की राशि की उम्मीद नहीं थी।

बैंक खाता बना गड़बड़ी की जड़? 

शुरुआती जांच में सामने आया है कि नागपुर की एक बैंक में चार साल पहले खोले गए चंद्रशेखर के चालू खाते से भारी वित्तीय लेन-देन हुआ था। शक जताया जा रहा है कि उसी खाते के ज़रिए टैक्स चोरी का बड़ा खेल खेला गया। अब मामले की तह तक जाने के लिए जांच की जा रही है।

परिवार में मचा हड़कंप, तबीयत बिगड़ी 

चंद्रशेखर का कहना है कि इस नोटिस के बाद उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई है, पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है और वह खुद दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब वह कानूनी सहायता लेने और आयकर विभाग से बात करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशासन की रिपोर्ट से उजागर हुई सच्चाई

नगर पालिका के प्रभारी सीएमओ जीआर देशमुख ने बताया कि, “हमें संपत्ति जानकारी भेजने को कहा गया था, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जमीन चंद्रशेखर के नाम पर नहीं है। हमने आयकर विभाग को सही रिपोर्ट सौंप दी है।” 314 करोड़ का आयकर नोटिस सिर्फ एक मजदूर की नहीं, बल्कि सिस्टम की चूक का मामला है। प्रशासन की जांच और रिपोर्टिंग के बाद अब उम्मीद है कि चंद्रशेखर को जल्द ही न्याय मिलेगा। लेकिन यह घटना बताती है कि बैंकिंग और दस्तावेजी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सतर्कता कितनी जरूरी है।

 

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