
भोपाल/देवास। 13 नवंबर मध्यप्रदेश के किसानों के लिए खास दिन रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवास में आयोजित कार्यक्रम में सोयाबीन उत्पादक किसानों के खातों में भावांतर योजना के तहत 233 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इस अवसर पर उन्होंने 183.25 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का भूमिपूजन भी किया और अन्नदाताओं पर पुष्पवर्षा की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और ‘वंदे मातरम’ के गायन से हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे लिए आज और कल का दिन अद्भुत है। बहनों को लाड़ली बहना योजना की राशि देकर हमने भाईदूज और रक्षाबंधन एक साथ मना लिया।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश स्वर्णिम समय में है, लेकिन कांग्रेसियों को यह हजम नहीं हो रहा। वे पूछते हैं पैसा कहां से आता है, क्यों दिया जा रहा है। मैं उनसे कहता हूं- तुम रोते रहोगे, और हम जनता को देते रहेंगे।” डॉ. यादव ने कहा कि भारत मातृ सत्ता को स्वीकार करने वाला एकमात्र देश है, जहां बेटी और बहन के हाथों में पैसे पहुंचाना हमारी संस्कृति का गौरव है।
मुख्यमंत्री ने किसानों की सराहना करते हुए कहा कि सीमा पर जवान और खेत में किसान दोनों समान हैं। किसान पसीने की हर बूंद से अन्न उपजाता है और सबके जीवन में आनंद लाता है। उन्होंने कहा कि देवास देश की प्रगति का केंद्र है, क्योंकि यहां नोट छपते हैं। इसी तरह किसानों की मेहनत से सोयाबीन, कपास, गेहूं और अन्य फसलें लहलहाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज मध्यप्रदेश देश का ‘सोयाबीन स्टेट’ बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं। इस साल सोयाबीन की कीमत 5328 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंची। किसानों को सही दाम मिले, इसी सोच से हमने देश में सबसे पहले भावांतर योजना शुरू की।”
सीएम यादव ने कहा, “जब हमने भावांतर योजना शुरू की, तो कांग्रेस ने सवाल उठाए। वे हमेशा किसानों के खिलाफ रहे हैं। कांग्रेस कभी मैदान में नहीं उतरती, केवल सोशल मीडिया पर दिखावा करती है। इसी कारण वह बीते 20 साल से सत्ता से बाहर है और आगे भी 50 साल बाहर ही रहेगी।” उन्होंने कहा, “जब हम जनता के हित की बात करते हैं, तो इन्हें तकलीफ होती है। भगवान इन्हें अक्ल दे। इनके नेता बिहार चुनाव के समय पचमढ़ी में छुट्टी मना रहे थे। ऐसे लोग मध्यप्रदेश क्या, कहीं भी चुनाव नहीं जीत सकते।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है। भावांतर योजना में 9 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है और आज 1 लाख 33 हजार किसानों के खातों में राशि डाली गई है। उन्होंने बताया कि किसानों को अब एमएसपी के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, न ट्रैक्टर लाइन में लगना होगा। माल तौलने के 15 दिन के भीतर पैसा सीधे खाते में पहुंच रहा है। हर 7 दिन बाद मॉडल रेट तय होगा और 15 जनवरी तक किसानों को भुगतान जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की नरवाई जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए सीएनजी प्लांट योजना शुरू की गई है, ताकि किसानों को कचरे का भी पैसा मिल सके। इसके अलावा मोटे अनाज की खरीद के लिए मंडला, बालाघाट और जबलपुर सहित 11 जिलों में कोदो-कुटकी पर 1000 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया गया है। धान और गेहूं उत्पादक किसानों को भी बोनस मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार सोलर पंप पर अनुदान दे रही है और गेहूं की कीमतें चरणबद्ध रूप से बढ़ाई जा रही हैं।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 दिसंबर को गीता जयंती पूरे गौरव के साथ मनाई जाएगी। राज्य में गीता भवनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार को हाल ही में भारत सरकार से चार पुरस्कार मिले हैं।
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