
भोपालः अच्छी पढ़ाई करके बड़े पद पर पहुंचना कई लोगों का सपना होता है। लेकिन कई परिवारों में, खासकर लड़कियों को यह मौका नहीं मिलता। अच्छे नंबर लाने के बावजूद, कुछ माता-पिता 18 साल की होते ही लड़कियों की शादी करा देते हैं। इस वजह से कई लड़कियां अपने सपनों को मारकर जीती हैं। ऐसी ही एक लड़की आईएएस अफसर बनना चाहती थी। इसके लिए उसने खूब पढ़ाई की और 12वीं में 92% नंबरों के साथ पास हुई। लेकिन घरवाले उसे आगे पढ़ाने के बजाय उसकी शादी कराना चाहते थे। लड़की के बहुत कहने पर भी पिता नहीं माने। जब लड़की को लगा कि घरवाले उसकी बात नहीं सुनेंगे, तो वह अपना सपना पूरा करने के लिए घर छोड़कर चली गई। अब उसके पिता ने हाईकोर्ट में बेटी के लापता होने की हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की है। यह घटना मध्य प्रदेश की है।
हाँ, कई लोग कम उम्र में प्यार-मोहब्बत के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं और घर से भाग जाते हैं। लेकिन भोपाल की रहने वाली साक्षी का सपना कुछ और ही था - आईएएस अफसर बनना। पर उसके सपने को सहारा देने के बजाय, घर वालों ने ही उसे तोड़ने की कोशिश की। 12वीं में 92% नंबर लाने के बाद भी घरवाले उसकी शादी का फैसला कर चुके थे। उसने बहुत समझाया, लेकिन घरवाले नहीं माने। जब उसे समझ आ गया कि घरवाले उसकी बात नहीं मानेंगे, तो यह लड़की घर छोड़कर चली आई।
यह स्वाभिमानी और हिम्मती लड़की इंदौर पहुंच गई। कहते हैं न, जहाँ चाह वहाँ राह। उसे वहां गुजारे के लिए 18,000 रुपये महीने की नौकरी भी मिल गई। उसने काम करते हुए पढ़ाई करने का फैसला किया। इधर, जनवरी से बेटी के लापता होने पर घरवाले हर जगह उसे ढूंढ रहे थे। जब वह नहीं मिली, तो उसके पिता ने हाईकोर्ट में बेटी को ढूंढने के लिए हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की।
इधर, कोर्ट ने भी पुलिस को साक्षी को ढूंढने का आदेश दिया। पुलिस ने तलाश शुरू की, लेकिन साक्षी का कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच, जब उसकी सहेलियों से पूछताछ की गई, तो एक सहेली ने एक छोटा सा खत दिया। इसमें लिखा था, "मैं 2030 में आईएएस अफसर बनकर घर वापस आऊंगी।"
इसके बाद पुलिस ने जांच जारी रखी और देशभर के कोचिंग सेंटर, कॉलेज और लाइब्रेरी में तलाशी ली, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। पर कुछ दिन पहले साक्षी ने अपना आधार कार्ड अपडेट कराया। इससे पता चला कि वह 18 साल की हो चुकी है और पुलिस को यह भी पता चल गया कि वह कहाँ है। आधार अपडेट होते ही पुलिस ने साक्षी की लोकेशन ट्रेस कर ली, जो इंदौर की थी। पुलिस टीम तुरंत इंदौर पहुंची और साक्षी को ढूंढ निकाला।
जनवरी में घर से निकलने के बाद साक्षी पहले ललितपुर में रही और फिर इंदौर चली गई। वहां उसने 18,000 रुपये महीने की नौकरी शुरू कर दी थी। पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि वह एक किराए के मकान में रह रही है। पुलिस ने साक्षी को जज के सामने पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने उसे माता-पिता के साथ जाने की सलाह दी, लेकिन वह नहीं मानी। कुल मिलाकर, यह घटना इस बात का सबूत है कि अगर लक्ष्य का पीछा किया जाए तो कुछ भी किया जा सकता है। कई घरों में बच्चों को सारी सुविधाएं मिलने पर भी वे पढ़ाई नहीं करते। लेकिन यहां साक्षी ने सभी मुश्किलों को पार कर अपने लक्ष्य को पाने के लिए घर छोड़ दिया।
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