जनजातीय गौरव दिवस पर बोले सीएम मोहन यादव : जननायकों की स्मृतियां सहेज रही है सरकार

Published : Nov 12, 2025, 08:06 PM IST
Mohan Yadav

सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग हमारी संस्कृति की आत्मा है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार जननायकों की स्मृतियों को सहेज रही है।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा जनजातीय आबादी वाला राज्य है। यहां करीब 21 प्रतिशत लोग जनजातीय समुदाय से हैं। यह वर्ग प्रकृति के साथ मिलकर जीवन जीता है और उसकी रक्षा करता है। सरकार इन समुदायों के शिक्षा, समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है।

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर एनजीओ मीट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ऑल इंडिया एनजीओ मीट को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव वर्ष के अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा कि जनजातीय समाज के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास में एनजीओ की भूमिका महत्वपूर्ण है।

एनजीओ और सरकार मिलकर करें जनजातीय कल्याण

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि विकास की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुँच सकें। उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती की 300वीं जयंती पर जबलपुर में विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी। इसके अलावा, खरगोन में टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की स्थापना और राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के कार्यों को जनता तक पहुँचाने जैसे कदम उठाए गए हैं।

मध्यप्रदेश – जनजातियों से पल्लवित भूमि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति से पुष्पित और पल्लवित भूमि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय गौरव को नई पहचान मिली है। आज राष्ट्रपति भवन से लेकर पंचायत भवन तक जनजातीय समाज की सक्रिय भागीदारी दिख रही है। उन्होंने कहा कि पीएम जन-मन और धरती आबा अभियान जैसे कार्यक्रम जनजातीय सशक्तिकरण के प्रतीक हैं।

जननायकों की स्मृतियों को सहेज रही है सरकार

डॉ. यादव ने कहा कि सरकार भगवान बिरसा मुंडा सहित सभी जननायकों की स्मृतियों को संजो रही है। उनकी जीवनी को स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है ताकि नई पीढ़ी अपने असली नायकों से परिचित हो सके। उन्होंने बताया कि जबलपुर में राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह संग्रहालय बनाया गया है। भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन रखा गया और पातालपानी स्टेशन का नाम जननायक टंट्या भील स्टेशन किया गया। सरकार लगातार जननायकों और वीरांगनाओं की वीरगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास कर रही है।

एनजीओ समाज में परिवर्तन की कड़ी

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीओ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की अहम कड़ी हैं। वे सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करते हैं। एनजीओ शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और वन अधिकार अधिनियम जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। आज के राष्ट्रीय सम्मेलन में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, वन अधिकार अधिनियम और ट्राइबल गवर्नेंस पर चर्चा हुई, जिसके परिणाम भविष्य की योजनाओं के निर्माण में सहायक होंगे।

केंद्र सरकार की पहल और उपलब्धियां

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की डिप्टी डायरेक्टर जनरल अंशु सिंह ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर यह सम्मेलन जनजातीय गौरव को समर्पित है। उन्होंने बताया कि 2011 में सामान्य और जनजातीय समुदाय के बीच साक्षरता दर का अंतर 14 प्रतिशत था, जो अब घटकर 6 प्रतिशत रह गया है। शिशु मृत्युदर में भी उल्लेखनीय कमी आई है, हालांकि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में अभी और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

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