
Bhopal Child Suicide: भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में सोमवार सुबह एक 13 साल की बच्ची आराध्या सिंह ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए भी चौंकाने वाली रही। मृतका सातवीं कक्षा की छात्रा थी और अपने दो छोटे भाईयों में सबसे बड़ी थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, बच्ची ने मौत से पहले दो सुसाइड नोट लिखे, जिनमें एक में उसने देह दान की इच्छा जताई और दूसरे में अपने भाई के लिए कंप्यूटर टेबल और कमरे की चीजें देने की अपील की।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह के समय आराध्या के माता-पिता और भाई स्कूल जाने के लिए तैयारी कर रहे थे। बड़े भाई को मां और छोटे भाई कोपिता प्रणय सिंह स्कूल छोड़ने जाते थे। आराध्या की मां सिविक्स की कॉपी ढूंढ रही थी, जो स्कूल में चेक होने वाली थी। कॉपी न मिलने पर मां ने आराध्या को डांटा। डांट के बाद वह बड़े बेटे को और प्रणय सिंह छोटे बेटे को स्कूल छोड़ने के लिए निकल गए। जब वे लौटे, तो पाया कि आराध्या घर में कहीं नहीं दिख रही है। दोनों उसे खोजने लगे। खोजते-खोजते मकान के फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे तो वहां आराध्या अपने कमरे में फांसी के फंदे से लटकी हुई थी।
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आराध्या ने एक नोट टिश्यू पेपर पर लिखा जिसमें उसने मरने के बाद देह दान करने की इच्छा व्यक्त की। दूसरे नोट में उसने कहा कि उसकी चीजें भाई को दे दी जाएं, जैसे कि कंप्यूटर टेबल और उसका रूम। ये नोट्स केवल एक भावुक अपील नहीं, बल्कि परिवार और पुलिस के लिए कई सवाल छोड़ गए हैं। क्या यह सिर्फ आवेश में किया गया कदम था या कहीं कोई गुप्त मानसिक दबाव भी था?
आराध्या के माता-पिता और भाई इस घटना से सदमे में हैं। परिवार का कहना है कि बच्ची आमतौर पर खुशमिजाज और पढ़ाई में अच्छी थी। हालांकि, माँ की डांट और कॉपी न मिलने की वजह से बच्ची पर मानसिक दबाव बढ़ा, जिसने यह गंभीर कदम उठाने को प्रेरित किया।
SI वासुदेव सविता ने बताया कि पुलिस कटारा हिल्स, ग्लोबल पार्क सिटी में मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने परिवार से सभी विवरण हासिल किए हैं और कमरे की परिस्थितियों की भी जांच की जा रही है। क्या यह केवल एक साधारण सुसाइड था या कहीं कोई छुपा मानसिक या पारिवारिक दबाव इस घटना का कारण बना?
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