मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। पर भाजपा के पास जो फीडबैक पहुंच रहा है। उसने तो पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। कयास लगाए जा रहे है कि बीजेपी कर्नाटक और गुजरात फार्मूलों को कर सकती है लागू।
भोपाल (bhopal news). मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। देश की सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपनी तैयारिया शुरू कर दी है। इसी दौरान बीजेपी पार्टी ने भी ग्राउंड सर्वे कराया इसकी जो रिपोर्ट सामने आई है। उसे देखकर सीनियर नेताओं की रातों की नींद उड़ गई है। वहीं ये जमीनी फीडबैक भाजपा संगठन के लिए परेशान करने वाला है। कयास लगाए जा रहे है कि इसके आधार पर पार्टी कर्नाटक चुनाव के बाद जल्दी कोई बड़ा एक्शन ले सकती है। राजनीतिक गलियारो में चर्चा है कि पार्टी गुजरात और कर्नाटक फॉर्मूला लागू कर सकती है।
पार्टी को नहीं मिल रहा बहुमत
दरअसल भाजपा पार्टी साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही काफी अलर्ट मोड में है। इस साल होने वाले इलेक्शन वह ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती की चुनाव की जीत में किसी तरह की अड़चन आए। इसीलिए पार्टी ने लोगों के मन की बात जानने के लिए ग्राउंड लेवल में जाकर फीडबैक ले रही है ताकि उसके हिसाब से रणनीति तैयार कर जीत सुनिश्चित की जा सके। पर जो रिपोर्ट पार्टी के पास पहुंच रहा वह चिंता में डालने वाला है। इसके हिसाब से पार्टी को बहुमत मिलना मुश्किल है। लोगों में सरकार और मौजूदा एमएलए के खिलाफ खासी नाराजगी है। इसके चलते ही पार्टी कुछ कड़े फैसले ले सकती है।
सीनियर नेताओं की बढ़ी चिंताए, लागू हो सकता है एज का फॉर्मूला
इस रिपोर्ट ने जहां पार्टी की चिंता बढ़ाई है वहीं सीनियर नेताओं की नींदे भी उड़ा दी है। क्योंकि प्रदेश के कई सीनियर नेताओं के लिए यह फीडबैक अच्छा नहीं है। और रिपोर्ट निगेटिव होने के चलते इनकी इस साल के चुनाव की दावेदारी पर भी संकट आ खड़ा हुआ है। क्योंकि पार्टी को पता चला है कि कई नेता ऐसे है जिनके खिलाफ लोगों की नाराजगी है और वे जनता के बीच भी कम ही सक्रिय रहे है। कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी उम्र वाले फॉर्मूले पर भी काम कर सकती है। पिछली बार के चुनाव में भी 50 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटे गए थे जिनमें कई दिग्गज नेता शामिल थे।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो इस साल प्रदेश में होने वाले चुनाव में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि पार्टी इस बार कई नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी कर चुकी है। हालांकि यह सब कब से होगा इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि कर्नाटक में होने वाले चुनाव के बाद कुछ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।