भोपाल में ‘रन फॉर यूनिटी’: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सरदार पटेल के आदर्शों को किया याद

Published : Oct 31, 2025, 10:41 AM IST
Bhopal Run For Unity CM Mohan Yadav

सार

राष्ट्रीय एकता दिवस पर सीएम मोहन यादव ने भोपाल में ‘रन फॉर यूनिटी’ की शुरुआत की। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही सच्ची राष्ट्रसेवा है।

भोपाल। राष्ट्रीय एकता दिवस और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के शौर्य स्मारक से ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर उन्होंने भारत माता और सरदार पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की दिशा में कई महान हस्तियों ने अपने-अपने तरीके से योगदान दिया और भारत की एकता को मजबूत बनाया।

सरदार पटेल: साधारण किसान परिवार से देश के लौह पुरुष तक की यात्रा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरदार पटेल एक साधारण किसान परिवार से थे, लेकिन अपने कर्म और निर्णयों से उन्होंने इतिहास रचा। उनके बड़े भाई विट्ठल भाई पटेल के कहने पर उन्होंने विदेश जाकर कानून की पढ़ाई की। दोनों भाइयों ने मिलकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में सरदार पटेल महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होने से झिझकते थे, लेकिन जब उन्होंने किसानों पर अंग्रेजों के अन्याय को देखा, तो गांधीजी के साथ जुड़ गए। बारदोली सत्याग्रह के बाद ही उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली और उसके बाद उन्होंने हर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई।

देश की एकता के लिए सरदार पटेल की दूरदर्शी सोच

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का हर कदम आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक है। जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का निर्णय लिया, तो वे चाहते थे कि देश कई टुकड़ों में बंट जाए। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के विभाजन और 562 रियासतों को स्वतंत्र करने की योजना बनाई थी। लेकिन सरदार पटेल ने अपनी बुद्धिमानी, दृढ़ निश्चय और राष्ट्रभक्ति से इन सभी रियासतों को भारत में एकजुट कर दिया। उन्होंने केवल रियासतों का विलय ही नहीं किया, बल्कि भविष्य के भारत की नींव मजबूत करने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की रचना की। पटेल का मानना था कि अगर भारत को एकजुट रखना है, तो प्रशासनिक ढांचा मजबूत होना चाहिए, ताकि कोई बाहरी ताकत देश को कमजोर न कर सके।

सोमनाथ मंदिर से स्वाभिमान का प्रतीक बना भारत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का विचार भी सरदार पटेल का ही था। उन्होंने कहा था कि यह मंदिर जनता के सहयोग से बने, सरकारी पैसे से नहीं। यह विचार भारत के सांस्कृतिक स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल की सोच पर चल रहे हैं

डॉ. यादव ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं, जो सरदार पटेल ने दिखाई थी। सरदार पटेल ने कहा था कि भारत के मसले भारत में ही सुलझने चाहिए, किसी तीसरे देश की दखल की आवश्यकता नहीं है। आज भी प्रधानमंत्री मोदी इस विचार पर कायम हैं और उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाकर सरदार पटेल के आदर्शों को जीवंत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा- “अगर हम सरदार पटेल के दिखाए मार्ग पर चलें, तो कोई ताकत भारत की ओर बुरी नजर से नहीं देख पाएगी।” उन्होंने सभी नागरिकों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं दीं।

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